पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी को पनाह देने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार, NIA का खुलासा

श्रीनगर। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बायसरन घाटी में हुए दर्दनाक आतंकी हमले की जांच में बड़ी सफलता मिली है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने पहलगाम से दो स्थानीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी आतंकियों को पनाह दी थी।
इन दोनों की पहचान परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद जोठार के रूप में हुई है। पूछताछ में उन्होंने माना कि वे हमले में शामिल तीन आतंकियों को हमले से पहले भोजन, आश्रय और सहायता दे रहे थे।
NIA जांच में बड़ा खुलासा: आतंकी थे पाकिस्तानी
NIA के अनुसार, परवेज और बशीर ने हिल पार्क इलाके की एक अस्थायी झोपड़ी (ढोक) में आतंकियों को जानबूझकर ठहराया था।
आतंकियों की पहचान हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान, अली उर्फ तल्हा भाई (दोनों पाकिस्तानी) और आदिल हुसैन ठोकर (अनंतनाग निवासी) के रूप में हुई है।
इनमें मूसा पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) में कमांडो रह चुका है। तीनों पर 20-20 लाख रुपए का इनाम घोषित है।
22 अप्रैल का हमला: टूरिस्ट्स को बनाया गया निशाना
इस बर्बर हमले में आतंकियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर पर्यटकों को चुनकर गोली मारी।
घटना में 26 लोगों की मौत हो गई और 16 लोग घायल हुए।
मारे गए लोग गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा से थे।
पीड़ितों में पुणे के व्यापारी संतोष जगदाले भी थे जिन्हें कलमा न पढ़ पाने पर सिर, कान और पीठ में गोली मारी गई।
भारत का जवाब: ऑपरेशन सिंदूर
भारत ने इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए 6-7 मई की रात 1:05 बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया।
भारतीय वायुसेना ने PoK और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की।
इस हमले में:
- 100 से अधिक आतंकी मारे गए
- मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य मारे गए
- 24 मिसाइलें दागी गईं
- 4 प्रमुख आतंकी ठिकाने पूरी तरह नष्ट
अनंतनाग पुलिस के स्केच और संदिग्ध
हमले के दो दिन बाद 24 अप्रैल को अनंतनाग पुलिस ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए थे:
- आदिल हुसैन ठोकर (स्थानीय)
- हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान (पाकिस्तानी)
- अली उर्फ तल्हा भाई (पाकिस्तानी)
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि NIA की गिरफ्त में आए आरोपी इन्हीं तीन आतंकियों से जुड़े हैं या अन्य से।
हमले से जुड़ी मार्मिक घटनाएं
- संतोष जगदाले को आतंकियों ने कलमा पढ़ने को कहा, न पढ़ पाने पर गोली मार दी।
- पत्नी ने घायल पति को गोद में लेकर तड़पते देखा, लेकिन कोई मदद नहीं मिल सकी।
- पर्यटकों से नाम पूछकर हमला किया गया, जिससे साम्प्रदायिक रंग लेने की भी आशंका जताई जा रही है।
निष्कर्ष: जांच जारी, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
NIA की यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। इससे आतंकी नेटवर्क और लोकल सपोर्ट सिस्टम के बीच की कड़ी सामने आई है।
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है।
पूरे इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।