1 जुलाई 2025 से महंगा हो सकता है ट्रेन सफर: मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में AC और नॉन-AC किराए में संभावित बढ़ोतरी, जानें नई दरें

भारतीय रेलवे: एक जुलाई 2025 से मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए में मामूली बढ़ोतरी करने की तैयारी में है। यह बढ़ोतरी AC और नॉन-AC दोनों वर्गों पर लागू होगी, लेकिन लोकल/सबअर्बन ट्रेनों के यात्रियों को इससे राहत मिलेगी। रेल मंत्रालय की ओर से यह कदम सेवाओं की गुणवत्ता और वित्तीय मजबूती को ध्यान में रखकर उठाया जा रहा है।
किराया कितना बढ़ेगा?
रेल मंत्रालय के प्रस्तावित प्लान के अनुसार:
- AC क्लास (AC-1, AC-2, AC-3) : 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी
- नॉन-AC क्लास (स्लीपर, सेकंड सीटिंग, जनरल क्लास) : 1 पैसा प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी
- सामान्य द्वितीय श्रेणी (500 किमी तक) : कोई बदलाव नहीं
- 500 किमी से ज्यादा दूरी की यात्रा : आधा पैसा प्रति किमी तक इजाफा संभव
- लोकल/सबअर्बन ट्रेन, मासिक पास : कोई असर नहीं
रेलवे का तर्क क्या है?
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया—
“यह बढ़ोतरी 2020 और 2013 की तुलना में सबसे मामूली है। इसका उद्देश्य रेलवे की वित्तीय स्थिति को सुधारना और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देना है।”
2020 में कितनी बढ़ोतरी हुई थी?
श्रेणी | किराया बढ़ोतरी (प्रति किमी) |
---|---|
साधारण द्वितीय क्लास | 1 पैसा |
मेल/एक्सप्रेस द्वितीय क्लास | 2 पैसे |
स्लीपर क्लास | 2 पैसे |
सभी AC श्रेणियां | 4 पैसे |
2013 की किराया वृद्धि का विवरण:
श्रेणी | किराया बढ़ोतरी (प्रति किमी) |
---|---|
साधारण द्वितीय श्रेणी | 2 पैसे |
मेल/एक्सप्रेस द्वितीय श्रेणी | 4 पैसे |
स्लीपर क्लास | 6 पैसे |
AC-2 | 6 पैसे |
अन्य सभी AC श्रेणियां | 10 पैसे |
पुरी के श्रद्धालुओं के लिए नया एप:
ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECOR) ने पुरी रथ यात्रा 2025 के लिए एक खास मोबाइल एप ‘ECOR यात्रा’ लॉन्च किया है। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और यात्रियों को मिलेगा—
- लाइव ट्रेन लोकेशन
- विशेष ट्रेनों की जानकारी
- प्लेटफॉर्म डिटेल्स
- बुकिंग और टिकट काउंटर सपोर्ट
- पर्यटक आवास और सुविधाएं
यह ऐप त्योहार के दौरान यात्रियों को वास्तविक समय पर सूचनाएं और डिजिटल गाइडेंस प्रदान करेगा।
निष्कर्ष:
1 जुलाई से ट्रेन में सफर करने वालों को थोड़ा ज्यादा किराया देना पड़ सकता है। हालांकि यह बढ़ोतरी बहुत सीमित और संतुलित रखी गई है, ताकि आम यात्रियों पर बोझ न पड़े। दूसरी ओर, रेलवे अपने राजस्व को स्थिर करने और यात्रियों को बेहतर सेवाएं देने की दिशा में ये कदम उठा रहा है।