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अमरनाथ यात्रा से पहले जम्मू में आतंकी हलचल: बसंतगढ़ मुठभेड़ में जैश का आतंकी ढेर, सेना का ऑपरेशन ‘बिहाली’ जारी

जम्मू-कश्मीर। श्री अमरनाथ यात्रा 2025 से ठीक पहले जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के बसंतगढ़ में सुरक्षाबलों और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई है। इस मुठभेड़ में अब तक एक आतंकी मारा जा चुका है, जबकि तीन को घेरे में लिया गया है। ऑपरेशन का नाम ‘बिहाली’ रखा गया है। सुरक्षा एजेंसियों को लंबे समय से इन आतंकियों के मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी।

गुरुवार सुबह करीब 8:30 बजे खुफिया इनपुट के आधार पर सेना, पैरा कमांडो और पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया। जंगल क्षेत्र में छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी ढेर हो गया। मारे गए आतंकी की पहचान जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े व्यक्ति के रूप में हुई है।

🔹 तीन आतंकी अब भी घिरे, घने जंगल और मौसम बनी चुनौती

आईजी जम्मू भीमसेन टूटी ने जानकारी दी कि आतंकियों की लोकेशन एक नाले के पास है। लगातार बारिश और धुंध के कारण ऑपरेशन को अंजाम देने में चुनौती आ रही है। सेना ने आतंकियों के भागने के सभी रास्तों को सील कर दिया है।

🌪️ पैरा कमांडो ने संभाला मोर्चा

खास बात ये है कि इस ऑपरेशन में पैरा कमांडो की भी तैनाती की गई है। यह दर्शाता है कि खतरनाक आतंकियों के खिलाफ बड़े स्तर की तैयारी की गई है। यह भी सामने आया है कि ये आतंकी पिछले एक साल से इलाके में सक्रिय थे।


पहलगाम आतंकी हमला: अब तक की जांच और खुलासे

अमरनाथ यात्रा से जुड़ी एक और बड़ी चिंता पहलगाम में हुई आतंकी घटना है, जहां लश्कर-ए-तैयबा के तीन पाकिस्तानी आतंकियों ने हमला किया था। हमले में शामिल आतंकियों के स्थानीय मददगारों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन मुख्य आतंकी अभी भी फरार हैं।

✅ जांच एजेंसियों के दो एंगल:

  1. आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान भाग गए।
  2. त्राल क्षेत्र में छिपे हैं, जहां से इलेक्ट्रॉनिक संचार का उपयोग नहीं कर रहे।

त्राल, पुलवामा का इलाका आतंकी नेटवर्क के लिए जाना जाता है। यहां के स्थानीय लोगों में आतंकियों को पनाह देने की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं।


⚔️ ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने लिया बदला

खुफिया एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि पहलगाम हमले की साजिश पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची स्थित सेफ हाउस में रची गई थी। इसके जवाब में 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पीओके में लश्कर, जैश और हिजबुल के नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। इस हमले में करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया।

🦖 चार दिन तक चला भारत-पाक संघर्ष:

ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच चार दिन तक सीमाओं पर युद्ध जैसे हालात रहे, जिसमें लड़ाकू विमान, ड्रोन और तोपों का इस्तेमाल किया गया।


निष्कर्ष:

अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकी गतिविधियों का यह सिलसिला भारत के लिए बड़ी सुरक्षा चुनौती बनकर उभरा है। जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों की नापाक कोशिशें एक बार फिर बेनकाब हो रही हैं। लेकिन भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों की सख्त रणनीति और जवाबी कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि भारत अपनी जमीन पर आतंक को सफल नहीं होने देगा।

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