रुद्रप्रयाग बस हादसा: अलकनंदा में समाई बदरीनाथ जा रही बस, भजन-कीर्तन गाते हुए उजड़ गया एक पूरा परिवार

रुद्रप्रयाग: बदरीनाथ की यात्रा पर निकले एक ही परिवार के 18 सदस्यों समेत 20 लोगों से भरी एक बस गुरुवार को उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में घोलतीर के पास अलकनंदा नदी में गिर गई। हादसे के वक्त सभी यात्री भजन-कीर्तन गाते हुए गहरी श्रद्धा में लीन थे। बस में साउंड सिस्टम तक लगा हुआ था। इस भयानक दुर्घटना में अब तक 4 लोगों की मौत, 8 घायल, और 8 यात्री लापता बताए जा रहे हैं।
हंसी-खुशी से शुरू हुआ सफर मातम में बदला
गुरुवार सुबह जब यात्री रुद्रप्रयाग से बदरीनाथ के लिए रवाना हुए तो बस के अंदर कीर्तन, भजन और तालियों की आवाजें गूंज रही थीं।
एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि यात्रियों में उत्साह और श्रद्धा थी, लेकिन कुछ ही घंटों में यह यात्रा एक दर्दनाक त्रासदी में बदल गई।
हादसे में बची अमिता सोनी ने बताया, “हम भजन-कीर्तन करते हुए जा रहे थे, किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि इतना बड़ा हादसा होने वाला है।”
हादसे की स्थिति: क्या हुआ था उस दिन?
- बस बदरीनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग से घोलतीर की ओर बढ़ रही थी।
- इसी दौरान अनियंत्रित होकर बस अलकनंदा नदी में जा गिरी।
- बस में 20 लोग सवार थे, जिनमें से 18 एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं।
- हादसे के बाद तुरंत रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया।
रेस्क्यू अभियान: जान बचाने की जंग
शुक्रवार सुबह से ही NDRF, SDRF, जल पुलिस, फायर सर्विस, डीडीआरएफ और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रेस्क्यू अभियान चलाया।
- रतूड़ा के समीप नदी से एक शव बरामद किया गया, जिसकी पहचान संजय सोनी (55), निवासी उदयपुर के रूप में हुई।
- घायल यात्रियों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इसमें शामिल हैं – भव्य, पार्थ, भावना सोनी और अमिता सोनी, जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।
मासूम पार्थ की घर वापसी, तीन घायल ऋषिकेश AIIMS रेफर
- मासूम पार्थ सोनी को उसके चाचा के साथ राजगढ़ भेजा गया।
- अन्य तीन घायलों को ऋषिकेश AIIMS में इलाज के लिए रेफर किया गया है।
- घायल अमिता सोनी के बेटे मृणाल सोनी मुंबई से रुद्रप्रयाग पहुंचे हैं और रेस्क्यू अभियान में भी हिस्सा लिया।
रेस्क्यू में बाधा बना तेज बहाव
अलकनंदा नदी का जलस्तर काफी अधिक है और बहाव तेज होने के कारण रेस्क्यू दल को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
अभी भी 8 लोगों की तलाश जारी है।
घटना ने पूरे देश को झकझोरा
यह हादसा श्रद्धालुओं और यात्रियों के लिए एक गहरा संदेश है कि पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा के दौरान सुरक्षा और सावधानी अत्यंत जरूरी है।
पूरा परिवार जो श्रद्धा में लीन था, अब मातम और आंसुओं में डूब चुका है।
✅ निष्कर्ष:
उत्तराखंड की पवित्र यात्रा पर निकले श्रद्धालु परिवार की यह दर्दनाक दुर्घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक पूरे परिवार की नियति को बदल देने वाली त्रासदी बन गई है। रेस्क्यू अभियान अभी जारी है और सभी की दुआएं अब लापता लोगों की सलामती के लिए हैं।