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कर्नाटक में एक बार फिर CM पद को लेकर सियासी हलचल: डिप्टी CM शिवकुमार के समर्थन में 100 विधायक, खड़गे बोले- फैसला हाईकमान का अधिकार

रणदीप सुरजेवाला बेंगलुरु दौरे पर, संगठनात्मक समीक्षा के नाम पर विधायकों से मुलाकात; भीतरखाने नेतृत्व परिवर्तन की मांग तेज

बेंगलुरु | कर्नाटक कांग्रेस एक बार फिर मुख्यमंत्री पद को लेकर आंतरिक खींचतान का शिकार होती नजर आ रही है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के करीबी विधायक एच. ए. इकबाल हुसैन ने दावा किया है कि करीब 100 विधायक मुख्यमंत्री बदलने के पक्ष में हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब बदलाव नहीं हुआ तो 2028 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस हार सकती है।


🗣️ हुसैन का बड़ा दावा: “शिवकुमार ने पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत की”

NDTV से बातचीत में इकबाल हुसैन ने कहा:
“शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उन्होंने 2023 के चुनाव में पार्टी को जिताने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अब उन्हें उनका हक मिलना चाहिए।”

यह बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला बेंगलुरु दौरे पर हैं और लगातार विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं।


🏛️ रणदीप सुरजेवाला बोले- CM परिवर्तन की खबरें महज कल्पना

बेंगलुरु पहुंचे सुरजेवाला ने इस मुद्दे को “कल्पना” बताते हुए खारिज किया और कहा कि
“यह दौरा संगठनात्मक समीक्षा के लिए है, नेतृत्व परिवर्तन की कोई बात नहीं हो रही।”

हालांकि उनका यह बयान विधायकों के बीच चल रही अंदरूनी चर्चाओं और हालिया बयानों के विपरीत दिख रहा है।


🧓 खड़गे ने कहा- CM बदलने का फैसला हाईकमान का विशेषाधिकार

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा:
“मुख्यमंत्री को बदलने का फैसला पूरी तरह पार्टी हाईकमान का होगा। इस विषय पर किसी को अनावश्यक बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।”


🔁 ढाई-ढाई साल वाले CM फॉर्मूले की फिर चर्चा

जब 2023 में कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी, तब मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों दावेदार थे।
कयास लगाए गए थे कि दोनों के बीच ढाई-ढाई साल के कार्यकाल पर सहमति बनी थी, लेकिन कांग्रेस ने इस बात को कभी सार्वजनिक रूप से नहीं स्वीकारा।

अब शिवकुमार के समर्थकों का कहना है कि समय आ गया है कि पार्टी वादा निभाए और नेतृत्व परिवर्तन करे।


🧨 विपक्ष का तंज: कांग्रेस अध्यक्ष सिर्फ नाम के होते हैं

कर्नाटक में बीजेपी नेता आर. अशोक ने खड़गे पर निशाना साधते हुए कहा:
“यदि खड़गे आलाकमान नहीं हैं तो कौन है? राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी या फिर 10 जनपथ की कोई छिपी हुई समिति?”
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि निर्णय पारदर्शी नहीं, बल्कि बंद दरवाजों के पीछे लिए जाते हैं।


🔍 अतीत की घटनाएं भी उभर रहीं चर्चा में

  • मार्च 2025 में विधायक बसवराजू वी. शिवगंगा ने दावा किया था कि शिवकुमार दिसंबर 2025 में CM बनेंगे।

  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने भी सार्वजनिक तौर पर शिवकुमार को CM बनाए जाने की वकालत की थी।


🗨️ गृह मंत्री परमेश्वर ने दी स्पष्टता

कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बयान दिया:
“सिद्धारमैया को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था। यदि वे 5 साल तक सीएम रहते हैं, तो यह रिकॉर्ड होगा। लेकिन उस समय कोई कार्यकाल सीमित नहीं किया गया था।”


निष्कर्ष:

कर्नाटक में एक बार फिर कांग्रेस के भीतर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मतभेद सतह पर आ गए हैं। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के समर्थक सीधे तौर पर बदलाव की मांग कर रहे हैं, जबकि पार्टी हाईकमान अभी संतुलन साधने की कोशिश कर रहा है।

आने वाले हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस अंतर्कलह को कैसे सुलझाती है—क्योंकि यही तय करेगा कि पार्टी 2028 की लड़ाई में कितनी मजबूती से उतर पाएगी।

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