जन आंदोलन बन चुका है डिजिटल इंडिया: भारत बना विश्वसनीय नवाचार साझेदार, आत्मनिर्भर भारत की रीढ़
2014 में सीमित इंटरनेट पहुंच से शुरू हुआ ‘डिजिटल इंडिया’ आज बना वैश्विक उदाहरण; UPI, CoWIN, DigiLocker जैसे प्लेटफॉर्म ने बदली भारत की पहचान

नई दिल्ली | एक दशक पहले शुरू हुआ डिजिटल इंडिया मिशन आज महज एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की भागीदारी वाला जन आंदोलन बन चुका है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आधारशिला और विश्वसनीय नवाचार साझेदार के रूप में उभरते भारत की पहचान इस डिजिटल क्रांति ने रच दी है।
🔵 नीति से नवाचार की ओर: डिजिटल भारत की नींव
2014 में जब यह यात्रा शुरू हुई, तब भारत में न केवल इंटरनेट की पहुंच सीमित थी, बल्कि डिजिटल साक्षरता और सरकारी सेवाओं की ऑनलाइन उपलब्धता बेहद कम थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न और सही नीयत के साथ बनाई गई नीति ने यह साबित कर दिया कि जब दृष्टिकोण समावेशी हो, तो तकनीक वंचितों को सशक्त बनाती है।
🌐 आज का डिजिटल भारत: कुछ प्रमुख आंकड़े
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97 करोड़+ इंटरनेट यूजर्स, 2014 में थे सिर्फ 25 करोड़
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42 लाख किमी ऑप्टिकल फाइबर केबल, जो धरती-चंद्रमा की दूरी का 11 गुना
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5G रोलआउट सबसे तेज, 2 साल में 4.81 लाख बेस स्टेशन
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UPI के जरिए सालाना 100 अरब से अधिक ट्रांजेक्शन
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DBT के तहत ₹44 लाख करोड़ ट्रांसफर, ₹3.48 लाख करोड़ की बचत
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2.4 करोड़+ स्वामित्व कार्ड, 6.47 लाख गांव मैप
💳 इंडिया स्टैक ने खत्म किए बिचौलिए
भारत का डिजिटल बैकबोन – इंडिया स्टैक आज न केवल UPI जैसे प्लेटफॉर्म का आधार है, बल्कि DBT से लेकर स्वामित्व योजना तक हर क्षेत्र में बदलाव ला चुका है।
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UPI: अब विश्व के 50% से अधिक रीयल-टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में
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DBT: पारदर्शिता और सब्सिडी लीक को रोकने का सबसे प्रभावी माध्यम
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स्वामित्व योजना: ग्रामीण भारत में भूमि स्वामित्व की अनिश्चितता खत्म
🛍️ ONDC और GEM: छोटे उद्यमियों का बड़ा मंच
ONDC (Open Network for Digital Commerce) और GEM (Government e-Marketplace) जैसे प्लेटफॉर्म छोटे विक्रेताओं, महिलाओं और MSME को नया बाजार और नई पहचान दे रहे हैं।
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ONDC: 20 करोड़ लेन-देन पार, पिछला 10 करोड़ सिर्फ 6 महीने में
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GEM: ₹1 लाख करोड़ का GMV सिर्फ 50 दिन में, 22 लाख विक्रेता
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इनमें 1.8 लाख महिला संचालित MSME, ₹46,000 करोड़ की आपूर्ति
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अब बनारसी बुनकर हो या नगालैंड का बांस शिल्पी — बिना बिचौलिए पूरे देश में ग्राहक तक पहुंच पा रहे हैं।
💉 भारत की डिजिटल शक्ति: टीकाकरण से लेकर डिजिलॉकर तक
डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) की ताकत को पूरी दुनिया ने माना है:
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CoWIN: 220 करोड़+ QR सत्यापित टीकाकरण सर्टिफिकेट
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DigiLocker: 54 करोड़ यूजर्स, 775 करोड़ डॉक्यूमेंट स्टोर
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FASTag, PM-WANI, ONOS जैसे प्लेटफॉर्म जीवन का हिस्सा बन चुके हैं
G20 अध्यक्षता के दौरान भारत ने Global DPI Repository और ₹2.5 करोड़ का Social Impact Fund लॉन्च किया ताकि अफ्रीका और दक्षिण एशिया जैसे क्षेत्र भी डिजिटल समावेशिता अपना सकें।
📱 कल्पना कीजिए… एक उद्यमी का डिजिटल सफर
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मुद्रा लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन
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Account Aggregator Framework से क्रेडिट योग्यता आकलन
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GEM पर पंजीकरण, सरकारी विभागों को आपूर्ति
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ONDC से पूरे देश में उत्पादों की बिक्री
👉 यही है न्यू डिजिटल भारत का उद्यमी
🧭 निष्कर्ष: डिजिटल इंडिया बना भारत की आत्मा
डिजिटल इंडिया ने भारत के हर नागरिक को सशक्त, हर गांव को कनेक्टेड और हर उद्यम को सक्षम बनाया है। यह न सिर्फ डिजिटल गवर्नेंस का उदाहरण है, बल्कि एक वैश्विक डिजिटल नेतृत्व का मार्ग भी है।
यह बदलाव केवल डाटा या डैशबोर्ड पर नहीं, बल्कि हर भारतीय के जीवन में मौजूद है।