राजस्थान-गुजरात में सामान्य से 100% ज्यादा बारिश, 15 राज्यों में बारिश की कमी: जुलाई में MP-UP सहित 23 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
IMD के मुताबिक जून 2025 में देश में सामान्य से 9% अधिक वर्षा, पर बिहार, दिल्ली, झारखंड समेत 15 राज्यों में बारिश की भारी कमी; जुलाई में भारी बारिश का पूर्वानुमान

नई दिल्ली | देश में मानसून अब रफ्तार पकड़ चुका है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट के अनुसार, जून 2025 में देशभर में सामान्य से 9% अधिक वर्षा दर्ज की गई, जो पिछले साल (2024) की तुलना में बेहतर है। साल 2024 में जून में देशभर में 11% बारिश की कमी रही थी।
हालांकि इस वर्ष भी बिहार, दिल्ली, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, नागालैंड समेत कुल 15 राज्यों में कम बारिश दर्ज की गई है, जिससे इन क्षेत्रों में जल संकट और खेती पर असर की आशंका बनी हुई है।
🌧️ राजस्थान और गुजरात में रिकॉर्ड बारिश
इस मानसून की सबसे खास बात यह रही कि राजस्थान और गुजरात जैसे सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य से 100% अधिक वर्षा दर्ज की गई।
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राजस्थान: पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में कई जिलों में 1 जून से 30 जून के बीच दोगुनी वर्षा दर्ज हुई।
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गुजरात: सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति बनी, जबकि आमतौर पर यहां जून में सूखा जैसे हालात रहते हैं।
🟠 कम बारिश वाले राज्य: खतरे की घंटी
IMD के आंकड़ों के अनुसार जिन राज्यों में औसत से कम बारिश हुई, उनमें शामिल हैं:
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बिहार
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दिल्ली
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झारखंड
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पश्चिम बंगाल
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असम
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मणिपुर
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त्रिपुरा
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नागालैंड
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हरियाणा
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उत्तराखंड
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मिजोरम
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चंडीगढ़
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पुडुचेरी
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लक्षद्वीप
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दमन और दीव
इन राज्यों में 20% से 45% तक कम बारिश दर्ज की गई है, जो खरीफ की फसलों और जलस्तर के लिए चिंता का विषय है।
⛈️ जुलाई में 23 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
IMD ने जुलाई 2025 के लिए देश के 23 राज्यों में भारी वर्षा की संभावना जताई है।
इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना है:
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उत्तर प्रदेश
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मध्य प्रदेश
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छत्तीसगढ़
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महाराष्ट्र
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उड़ीसा
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उत्तराखंड
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हिमाचल प्रदेश
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पंजाब
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हरियाणा
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झारखंड
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बिहार
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पश्चिम बंगाल
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असम
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मेघालय
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मिजोरम
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मणिपुर
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तेलंगाना
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आंध्र प्रदेश
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कर्नाटक
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तमिलनाडु
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केरल
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गोवा
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दिल्ली NCR
इन राज्यों में 4 से 10 जुलाई के बीच यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन, निचले इलाकों में जलभराव और नदियों के उफान की भी संभावना जताई गई है।
📊 जून 2025 का आंकड़ा: देशभर में 9% अधिक बारिश
वर्ष | जून में वर्षा | सामान्य से स्थिति |
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2024 | -11% | सामान्य से कम |
2025 | +9% | सामान्य से अधिक |
🧑🌾 खेती पर पड़ेगा मिला-जुला असर
जहां एक ओर राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में अधिक वर्षा ने किसानों को राहत दी है, वहीं बिहार और झारखंड जैसे कृषि-प्रधान राज्यों में कम वर्षा से धान की रोपाई प्रभावित हो सकती है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, जुलाई में यदि अच्छी बारिश हुई तो नुकसान की भरपाई संभव है।
📌 निष्कर्ष: मानसून का मिजाज बदल रहा है
2025 का मानसून अब तक मिश्रित संकेत दे रहा है — एक ओर कहीं अत्यधिक वर्षा, दूसरी ओर भारी कमी। मौसम वैज्ञानिक इसे जलवायु परिवर्तन और वैश्विक मौसमी असंतुलन का परिणाम मान रहे हैं।
जनता और प्रशासन दोनों को जागरूकता, जल संचयन और आपदा प्रबंधन की दिशा में सजग रहना होगा।