ब्रासीलिया में प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत: शिव तांडव स्तोत्र और शास्त्रीय नृत्य ने बढ़ाया गौरव
ब्रिक्स समिट के बाद पीएम मोदी ब्राजील पहुंचे, ट्रेड और डिफेंस को लेकर राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा से करेंगे अहम बातचीत; कल नामीबिया रवाना होंगे

ब्रासीलिया (ब्राजील): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रासीलिया यात्रा ने भारतीय संस्कृति की अनोखी छाप छोड़ी, जब उनका स्वागत शिव तांडव स्तोत्र और भारतीय शास्त्रीय नृत्य की गूंज के साथ किया गया। ब्राजील की राजधानी में महिलाओं के एक सांस्कृतिक दल ने ड्रम बजाकर और मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रस्तुति से प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया।
यह सांस्कृतिक दृश्य तब सामने आया जब पीएम मोदी ब्रिक्स समिट 2025 में भाग लेकर रियो डी जनेरियो से ब्रासीलिया पहुंचे। उनके स्वागत का यह अंदाज़ न सिर्फ भारत-ब्राजील मैत्री संबंधों की गहराई को दर्शाता है, बल्कि भारतीय संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति और प्रभाव को भी उजागर करता है।
राष्ट्रपति सिल्वा से व्यापार और रक्षा पर रणनीतिक बातचीत
ब्रासीलिया में पीएम मोदी और ब्राजील की राष्ट्रपति लुइज़ा सिल्वा के बीच द्विपक्षीय वार्ता आयोजित की गई, जिसमें व्यापार, रक्षा सहयोग, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने अपने रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
ब्रिक्स समिट के बाद नामीबिया रवाना होंगे पीएम
ब्रिक्स समिट में जलवायु परिवर्तन, वैश्विक दक्षिण की भूमिका और संयुक्त आर्थिक नीतियों पर बोलने के बाद पीएम मोदी ब्रासीलिया पहुंचे। अब वे बुधवार को नामीबिया की यात्रा पर रवाना होंगे, जहां वे अफ्रीकी राष्ट्रों के साथ भारत की कूटनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाएंगे।
सांस्कृतिक डिप्लोमेसी का अद्भुत उदाहरण
प्रधानमंत्री के स्वागत में शिव तांडव स्तोत्र और शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति भारत की ‘सांस्कृतिक डिप्लोमेसी’ की एक अद्वितीय मिसाल बनी। यह भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ को प्रदर्शित करता है, जो केवल राजनीतिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रिश्तों के माध्यम से भी वैश्विक मंच पर अपना प्रभाव छोड़ रही है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी की ब्रासीलिया यात्रा न केवल राजनयिक महत्व की रही, बल्कि इसने भारतीय संस्कृति और विश्व कूटनीति के बीच सेतु का कार्य भी किया। भारत-ब्राजील संबंधों में यह एक नया और भावनात्मक अध्याय जुड़ गया है, जो भविष्य में और अधिक व्यापक साझेदारी का मार्ग प्रशस्त करेगा।