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ट्रम्प ने 14 देशों पर बढ़ाया टैरिफ, भारत को दी राहत: जापान-साउथ कोरिया पर 25%, म्यांमार पर 40% शुल्क लागू

1 अगस्त से लागू होंगे नए टैरिफ, भारत टैरिफ सूची से बाहर; जापान और दक्षिण कोरिया को ट्रम्प ने भेजा व्यक्तिगत पत्र

वॉशिंगटन डीसी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को 14 देशों पर आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने की घोषणा की है, जिसमें भारत को शामिल नहीं किया गया है। ट्रम्प प्रशासन के अनुसार, यह निर्णय अमेरिका की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और व्यापार घाटा कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। नए टैरिफ 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होंगे।

जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ, म्यांमार को सबसे बड़ी चोट

नई टैरिफ सूची के तहत जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है, जबकि म्यांमार से आयात पर 40% टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है। अमेरिका के मुताबिक, इन देशों से आयात हो रहे उत्पाद अमेरिकी उत्पादकों को नुकसान पहुँचा रहे हैं और ट्रेड बैलेंस को प्रभावित कर रहे हैं।

ट्रम्प ने भेजे व्यक्तिगत लेटर

राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस फैसले की जानकारी संबंधित देशों के प्रमुखों को औपचारिक पत्रों के माध्यम से दी। उन्होंने सबसे पहले जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्यांग को व्यक्तिगत पत्र साझा किए, जिसमें उन्होंने इस कदम को अमेरिका के हित में उठाया गया “आवश्यक निर्णय” बताया।

भारत टैरिफ सूची से बाहर

इस टैरिफ घोषणा में भारत को शामिल नहीं किया गया, जिससे भारत-अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों को लेकर सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय भारत की संतुलित व्यापार नीति और दोनों देशों के बढ़ते रणनीतिक संबंधों का परिणाम हो सकता है।

“भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार है। हमारी प्राथमिकता है कि सहयोगी देशों को स्थिरता के साथ आगे बढ़ने का अवसर मिले,” — ट्रम्प प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी

किन देशों पर लगे हैं टैरिफ?

सूत्रों के अनुसार जिन 14 देशों पर टैरिफ लागू किया गया है, उनमें बांग्लादेश, जापान, दक्षिण कोरिया, म्यांमार, थाईलैंड, तुर्की, वियतनाम, इंडोनेशिया, पोलैंड, ब्राज़ील, चेक गणराज्य, सर्बिया, नाइजीरिया और मैक्सिको शामिल हैं। इन देशों के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा था।


अमेरिका की घरेलू नीति की झलक

डोनाल्ड ट्रम्प एक बार फिर “America First” नीति की ओर लौटते दिख रहे हैं। उनका यह फैसला घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो आगामी राष्ट्रपति चुनावों में भी एक प्रमुख मुद्दा बन सकता है।


निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रम्प का यह टैरिफ फैसला वैश्विक व्यापार पर गहरा असर डाल सकता है। जबकि कई देश इसका विरोध कर सकते हैं, भारत का इस सूची से बाहर होना कूटनीतिक रूप से एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि टैरिफ नीति का असर अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर कैसा पड़ता है।

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