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12 साल बाद गुरु पूर्णिमा पर जेल से बाहर रहेगा आसाराम: राजस्थान हाईकोर्ट ने दी अंतरिम जमानत, भक्तों से मिलने पर रोक

रेप केस में सजा काट रहा आसाराम 12 अगस्त तक अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर रहेगा, कोर्ट ने रखी सख्त शर्तें; गुरु पूर्णिमा पर बाहर रहने का पहला मौका

दुष्कर्म: के मामले में सजा काट रहा स्वयंभू संत आसाराम 12 साल बाद पहली बार गुरु पूर्णिमा के मौके पर जेल से बाहर रहेगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने उसे 12 अगस्त 2025 तक अंतरिम जमानत प्रदान की है, हालांकि जमानत के साथ कई सख्त शर्तें भी लगाई गई हैं। अदालत ने खासतौर से यह स्पष्ट किया है कि आसाराम अपने भक्तों से मिल नहीं सकेगा और उसे केवल चिकित्सकीय कारणों के आधार पर यह राहत दी गई है।


गुरु पूर्णिमा पर जेल से बाहर रहना पहली बार

आसाराम इस बार 10 जुलाई 2025 को पड़ने वाली गुरु पूर्णिमा पर जेल से बाहर रहेगा। यह दिन उसके अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है, लेकिन कोर्ट के निर्देशों के अनुसार वह इस दौरान कोई धार्मिक कार्यक्रम या जनसभा नहीं कर सकेगा।


क्यों मिली जमानत?

अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ रही है और उसे उच्च स्तरीय इलाज की आवश्यकता है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए 12 अगस्त तक की अस्थायी राहत दी है।

हालांकि, यह स्पष्ट किया गया कि जमानत पूरी तरह इलाज तक सीमित रहेगी और कोई भी सामाजिक या धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं होगी।


हाईकोर्ट की सख्त शर्तें

  1. आसाराम अपने भक्तों या समर्थकों से नहीं मिलेगा।

  2. किसी भी प्रकार की सभा, प्रवचन या धार्मिक आयोजन में भाग नहीं लेगा।

  3. इलाज के अलावा किसी अन्य कारण से बाहर नहीं घूमेगा।

  4. जमानत की अवधि समाप्त होने से पहले कोर्ट में उपस्थित होकर रिपोर्ट देगा।


जेल प्रशासन की विशेष निगरानी

जोधपुर सेंट्रल जेल प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि वह आसाराम की गतिविधियों पर नजर रखे और यह सुनिश्चित करे कि वह कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन न करे। पुलिस प्रशासन को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है।


भक्तों में मिली-जुली प्रतिक्रिया

हालांकि सोशल मीडिया पर कुछ अनुयायियों ने इसे “गुरु पूर्णिमा की कृपा” बताया है, लेकिन कानून विशेषज्ञों ने कहा है कि यह केवल मानवाधिकार के आधार पर दी गई सीमित राहत है, न कि धार्मिक विशेषाधिकार।


निष्कर्ष

आसाराम को मिली अंतरिम जमानत एक बार फिर न्यायपालिका की संवेदनशीलता और सख्ती दोनों का परिचायक है। हालांकि वह गुरु पूर्णिमा पर जेल से बाहर रहेगा, लेकिन शर्तों के साथ उसकी गतिविधियों पर पूरी निगरानी बनी रहेगी। यह देखना अहम होगा कि आसाराम अदालत की शर्तों का कितना पालन करता है।

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