मालती जोशी स्मृति समारोह 4 जून से इंदौर में: पद्मश्री लेखिका की साहित्यिक यात्रा को मिलेगा श्रद्धासुमन

दो दिवसीय आयोजन में होगा कहानियों का पाठ, मंचन, प्रदर्शनी और ग्रंथ लोकार्पण; देशभर से आएंगे साहित्यकार और रंगकर्मी।
📰 मुख्य समाचार:
इंदौर/भोपाल | पद्मश्री से सम्मानित भारत की प्रसिद्ध कथा लेखिका श्रीमती मालती जोशी की स्मृति में एक दो दिवसीय भव्य साहित्यिक आयोजन 4 और 5 जून को इंदौर के जाल सभागृह में होने जा रहा है। इस आयोजन को ‘स्मृति कल्प’ नाम दिया गया है, जिसमें उनके कथा साहित्य के विविध आयामों को रेखांकित किया जाएगा।
🌸 मालती जोशी: एक कालजयी लेखिका की स्मृति में
15 मई 2024 को 90 वर्ष की आयु में दिवंगत मालती जोशी का जन्मदिन 4 जून को उनकी स्मृति में एक साहित्यिक उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। वे हिंदी और मराठी में 50 से अधिक पुस्तकों की लेखिका थीं। उनकी कहानियों का कई भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुआ, और टेलीविजन सीरियल्स में भी उनके साहित्य को प्रस्तुत किया गया।
🟠 मुख्य अतिथि और विशिष्ट जनों की उपस्थिति
- पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन करेंगी कार्यक्रम का शुभारंभ
- प्रो. सरोज कुमार एवं डॉ. सूर्यकांत नागर रहेंगे विशेष रूप से मौजूद
- महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा होंगी विशिष्ट अतिथि
📅 5 जून को होंगे विचार-सत्र और मंचन
- मीडिया विशेषज्ञ प्रो. संजय दिवेदी,
- साहित्य अकादमी के निदेशक विकास दवे,
- लेखिकाएं निर्मला भुराड़िया एवं ज्योति जैन करेंगी वक्तव्य
- अनीता सक्सेना, अमिता त्रिवेदी, संजय पटेल, अर्चना मंडलोई, मिलिंद देशपांडे, और संतोष मोहंती करेंगे मालती जोशी की कहानियों का सजीव पाठ
- प्रसिद्ध रंगकर्मी श्रीराम जोग एवं विवेक सावरीकर के निर्देशन में होगा कहानियों का नाट्य रूपांतरण
📘 ‘स्मृति कल्प’ ग्रंथ और प्रदर्शनी भी मुख्य आकर्षण
इस आयोजन में मालती जोशी पर केंद्रित ग्रंथ ‘स्मृति कल्प’ का लोकार्पण भी किया जाएगा। साथ ही उनके जीवन और साहित्यिक योगदान पर आधारित एक विजुअल प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जो साहित्य प्रेमियों के लिए एक दुर्लभ अनुभव होगी।
👨👩👧👦 परिवार द्वारा आयोजित समारोह
इस समर्पित आयोजन के आयोजक उनके पुत्र ऋषिकेश जोशी एवं सच्चिदानंद जोशी हैं, जो अपनी मातृ स्मृति को साहित्यिक स्वरूप में जन-जन तक पहुंचा रहे हैं।
✅ निष्कर्ष:
मालती जोशी ने भारतीय संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों को अपनी कहानियों के माध्यम से जनमानस में जीवंत रखा। इंदौर में होने वाला यह स्मृति समारोह न केवल उन्हें श्रद्धांजलि है, बल्कि भारतीय साहित्य की समृद्ध परंपरा को भी उत्सव रूप में प्रस्तुत करता है।