विचार
“तेरे होने से सब कुछ है…” — दीपांजली शर्मा की कविता में प्रेम, श्रद्धा और जीवन का मधुर संगम


(लेखिका) दीपांजली शर्मा
तेरे होने से सब कुछ है…
जब तू नजरों में ठहरता है,
तब हर मौसम संवरता है,
लबों की मुस्कान से
दिन का हर पहर निखरता है।
जब पास होता है,
हर जज़्बा ग़ज़ल लगती है…
तेरे होने से सब कुछ है,
धड़कन भी सरल सी लगती है।
तेरी बातों की ठंडी छाँव,
जैसे मन पर बूँदें सावन की,
ख्वाबों के सुनहरे पंखों से,
जैसे उड़ान हो जीवन की।
जब मिलती हैं साँसें,
हर पीड़ा भी सुंदर लगती है…
तेरे होने से सब कुछ है,
दुनिया भी सहज सी लगती है।
तेरा नाम जब मन में जागे,
हर शब्द दुआ बन जाता है,
तेरी हँसी की रोशनी से
अंधेरा भी छिप जाता है।
तेरे संग जो दिन बीते,
हर पल में कविता बसती है…
तेरे होने से सब कुछ है,
हर पल एक पूजा सी लगती है।
दीपांजली शर्मा ( लेखिका )
बीसोखोर कटहरी बाज़ार
जनपद महराजगंज