लखनऊ

लखनऊ में मंत्री के निरीक्षण से पहले आधी रात उतरे सफाईकर्मी: दिखावे के लिए किया गया सफाई अभियान

प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना के औचक निरीक्षण से पहले नगर निगम ने की रातोंरात तैयारी, नगर आयुक्त के आदेश पर सफाईकर्मी लगाए गए काम पर

लखनऊ | सरोजनी नगर: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार रात एक अलग ही नज़ारा देखने को मिला। सरोजनी नगर क्षेत्र की सड़कों पर आधी रात को नगर निगम के सफाईकर्मी झाड़ू लगाते, कूड़ा उठाते और सड़कों को चमकाते नजर आए। यह सब हुआ लखनऊ के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना के प्रस्तावित औचक निरीक्षण से पहले।


औचक निरीक्षण की भनक, रात में शुरू हुई सफाई मुहिम

सूत्रों के मुताबिक, नगर निगम को मंत्री सुरेश खन्ना के सुबह निरीक्षण की जानकारी सोमवार रात को ही लग गई थी। इसके बाद आनन-फानन में नगर आयुक्त ने सफाईकर्मियों को रातोंरात सरोजनी नगर में सफाई के लिए लगा दिया। कई स्थानों पर तो सुबह तक सफाई का काम चलता रहा, ताकि मंत्री के सामने कोई अव्यवस्था न दिखे।


साफ-सुथरी सड़कों से दिखावे की तैयारी

स्थानीय लोगों ने बताया कि जहां हफ्तों से सफाई नहीं हुई थी, वहां भी अचानक से सफाई हो गई। नालियों की सफाई, सड़क पर पड़े कूड़े का निस्तारण और यहां तक कि फूलों की सजावट तक कर दी गई। साफ तौर पर यह मंत्री को ‘अच्छा इंप्रेशन’ देने की तैयारी थी।


स्थानीयों ने उठाए सवाल, कहा- केवल दिखावा

स्थानीय नागरिकों ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह केवल दिखावे की सफाई है। रामकुमार नाम के एक दुकानदार ने कहा, “अगर हर दिन ऐसी सफाई होती तो हमें खुद मंत्री का इंतजार नहीं करना पड़ता।”


वास्तविकता से दूर ‘प्रबंधन’

हालांकि, सवाल यह है कि यदि निरीक्षण की जानकारी पहले से थी, तो इसे ‘औचक निरीक्षण’ कैसे कहा जा सकता है? और क्या सफाई व्यवस्था केवल तब ही सुधरेगी जब कोई बड़ा अधिकारी या मंत्री आएगा?


📌 निष्कर्ष:
लखनऊ जैसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल शहर में सफाई केवल औचक निरीक्षण के समय ही हो, तो ये न सिर्फ व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करता है बल्कि प्रशासन की नीयत पर भी सवाल खड़े करता है।

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