उत्तर प्रदेश

लखनऊ में मुख्य सेविका भर्ती अभ्यर्थियों का प्रदर्शन: 4 साल बाद भी नहीं आया रिजल्ट, UPSSSC कार्यालय का घेराव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा आयोजित मुख्य सेविका भर्ती परीक्षा 2021 का रिजल्ट अब तक जारी नहीं किया गया है। इससे नाराज़ सैकड़ों अभ्यर्थियों ने सोमवार को लखनऊ स्थित पिकप भवन पहुंचकर आयोग का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की।


क्या है पूरा मामला?

वर्ष 2021 में UPSSSC ने मुख्य सेविका के 2693 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन समय बीतने के साथ न केवल परीक्षा परिणाम लंबित पड़ा रहा, बल्कि बिना स्पष्ट कारण के 126 पद भी कम कर दिए गए। इससे नाराज़ होकर अभ्यर्थियों ने आयोग के खिलाफ संगठित विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।


“हमने मेहनत की, लेकिन सरकार और आयोग ने उम्मीदें तोड़ी”

प्रदर्शन कर रहीं एक अभ्यर्थी ने कहा:

“हमने इस परीक्षा के लिए दिन-रात मेहनत की। पहले कोविड के नाम पर देरी हुई, फिर आयोग ने टालमटोल की नीति अपना ली। अब चार साल बाद भी हमें रिजल्ट नहीं मिला, और पद भी कम कर दिए गए।”


अभ्यर्थियों की मुख्य मांगें:

  • शीघ्र रिजल्ट जारी किया जाए
  • कम किए गए 126 पद बहाल किए जाएं
  • भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो
  • नए कैलेंडर में मुख्य सेविका भर्ती का स्थान सुनिश्चित किया जाए

आयोग की चुप्पी पर उठे सवाल

अब तक UPSSSC की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि वे बार-बार मेल, ज्ञापन और ट्विटर के माध्यम से अपनी बात रख चुके हैं, लेकिन आयोग सुनवाई के लिए तैयार नहीं है


सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है मुद्दा

अभ्यर्थियों का आंदोलन अब सोशल मीडिया तक पहुंच चुका है। #मुख्य_सेविका_रिजल्ट_जारी_करो जैसे हैशटैग्स पर हजारों ट्वीट किए जा चुके हैं। इससे सरकार और आयोग पर दबाव बढ़ता जा रहा है।


निष्कर्ष

चार साल बाद भी मुख्य सेविका भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित न होना यूपी के शासन और प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। जिन युवाओं ने अपने भविष्य के लिए दिन-रात तैयारी की, उनके साथ यह अन्यायपूर्ण रवैया न केवल भरोसा तोड़ता है, बल्कि सरकारी भर्तियों की विश्वसनीयता को भी कमजोर करता है।

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