उत्तर प्रदेश

कानपुर में शुभम की पत्नी बोलीं- ‘किसके लिए जिंदा रहूं?’: शहीद पति की मौत के बाद फूट-फूटकर रो पड़ीं, ‘मुझे भी मार देते’

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कानपुर, उत्तर प्रदेश : कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी की पहली गोली लगी थी। इस हमले में शुभम की 68 दिन पहले हुई शादी का सुख महज कुछ समय के लिए था। उनकी पत्नी के सामने ही उनके सिंदूर को उजाड़ दिया गया। शुभम की हत्या के बाद, उनकी पत्नी का दिल दहला देने वाला बयान सामने आया, जिसने सभी को चौंका दिया।


पत्नी का दर्द और कष्ट

शुभम की पत्नी का कहना था, “किसके लिए जिंदा रहूं? मुझे भी मार देते, मुझे तो अब कोई वजह नहीं लगती जीने की।” उनके शब्दों में गहरी तकलीफ और अवसाद था, जो उनके पति के असमय निधन के बाद की घातक स्थिति को दर्शाता है।


अंतिम संस्कार में टूट पड़ा परिवार

48 घंटे तक पुलिस और प्रशासनिक प्रक्रियाओं के बाद, शुभम का अंतिम संस्कार कानपुर में किया गया। उनके अंतिम संस्कार में परिवार के सभी सदस्य भावुक हो गए और फूट-फूट कर रोने लगे। उनके परिवार ने बताया कि यह दिन कभी नहीं आए, जब उनका बेटा और पति घर लौटेगा, लेकिन वे अब इस सत्य से जूझ रहे हैं कि वह कभी नहीं लौटेंगे।


शादी का दुखद अंत

शुभम और उनकी पत्नी की शादी को केवल 68 दिन ही हुए थे, और यह समय उनके जीवन का सबसे सुखमय समय होना चाहिए था, लेकिन आतंकवादियों के हमले ने इसे भंग कर दिया। शुभम की पत्नी ने अपनी खुशी खो दी और पूरी दुनिया उनके साथ शोक में डूब गई।


आतंकी हमले के बाद का माहौल

कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला एक और जीवन को छीन ले गया, लेकिन शुभम की पत्नी और परिवार की पीड़ा इस हमले के बाद अब अधिक महसूस हो रही है। उनके पति के कर्तव्यों के प्रति समर्पण और परिवार के प्रति प्रेम ने उनकी यादें हमेशा के लिए जीवित रखी हैं।


निष्कर्ष

शुभम की मौत ने न केवल उनके परिवार को तोड़ा है, बल्कि यह हमारे समाज में आतंकवाद के भयावह परिणामों को भी उजागर करता है। हम शुभम की पत्नी और उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और इस दुखद घटना से शोकित हैं।

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