उत्तर प्रदेश

LDA में फर्जी रजिस्ट्री घोटाला: जमीन आवंटन की 45 में से 24 फाइलें गायब, STF को भेजी गई 21 फाइलों की रिपोर्ट

लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में करोड़ों रुपए की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री से जुड़े मामले में एक नया और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। एलडीए की आंतरिक जांच में पाया गया कि जिन 45 विवादित प्लॉटों की रजिस्ट्री की जांच होनी थी, उनमें से 24 फाइलें रहस्यमय तरीके से गायब हैं। केवल 21 फाइलें ही विशेष कार्यबल (STF) को सौंपने के लिए उपलब्ध कराई जा सकी हैं।


बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा, जांच के घेरे में अधिकारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, लखनऊ के कई इलाकों में प्राधिकरण की कीमती जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री कर करोड़ों का खेल खेला गया। इन रजिस्ट्रियों में न केवल दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई, बल्कि कई मामलों में जमीनें असली आवंटियों के नाम पर नहीं थीं। सूत्रों के अनुसार, इसमें प्राधिकरण के कुछ पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों की संलिप्तता भी सामने आ रही है।


24 फाइलों के गायब होने से बढ़ा शक

LDA की जांच टीम ने जिन 45 प्लॉटों की जानकारी मांगी थी, उनकी फाइलें नियमानुसार विभागीय रिकॉर्ड में होनी चाहिए थीं। परंतु 24 प्लॉटों की फाइलें कार्यालय से गायब मिलीं। इस गड़बड़ी से यह आशंका और गहराई है कि घोटाले को छिपाने के लिए सबूत जानबूझकर नष्ट किए गए हों।


STF को सौंपी गई 21 फाइलें

जिन 21 फाइलों को एलडीए की जांच समिति ने व्यवस्थित पाया, उन्हें STF के पास भेज दिया गया है। STF अब इन प्लॉटों की खरीद-फरोख्त, रजिस्ट्री प्रक्रिया और कथित दस्तावेजी हेरफेर की जांच करेगी। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संभावना है।


जिम्मेदारों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

LDA उपाध्यक्ष ने विभागीय स्तर पर जिम्मेदारों की सूची तैयार करने और संबंधित कर्मचारियों व अधिकारियों की भूमिका की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। जल्द ही कई नामों को निलंबन व विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।


निष्कर्ष:

LDA में सामने आया यह फर्जीवाड़ा न केवल सिस्टम की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकारी संस्थाओं में अब भी रिकॉर्ड प्रबंधन और निगरानी तंत्र कितना कमजोर है। STF की जांच से यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस घोटाले की परतें खुलेंगी और दोषियों को सजा मिलेगी।

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