उत्तर प्रदेश

दरोगा-प्रेमी ने मेरा गर्भपात कराया, अब जी नहीं सकती:अयोध्या में सुसाइड नोट लिखकर दलित युवती ने फांसी लगाई; 5 FIR

अयोध्या — उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। 17 वर्षीय दलित किशोरी ने अपने घर के कमरे में पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने स्थानीय दरोगा पर प्रेम-प्रसंग, शारीरिक संबंध और जबरन गर्भपात कराने का आरोप लगाया है।


सुसाइड नोट में लिखा – “अब जी नहीं सकती”

लड़की ने सुसाइड नोट में लिखा –

“मुझसे जबरन संबंध बनाए गए। मेरा गर्भपात भी जबरन कराया गया। अब मैं जी नहीं सकती। मेरी आत्मा हमेशा तड़पेगी।”

परिजनों के अनुसार, लड़की पिछले कुछ दिनों से मानसिक तनाव में थी। उन्होंने बताया कि उसने एक पुलिसकर्मी से प्रेम संबंधों की बात गुपचुप तरीके से की थी।


खाने पर नहीं आई तो खिड़की से देखा, तब हुआ खुलासा

घटना शुक्रवार रात की है। जब परिजनों ने रात को खाना खाने के लिए आवाज दी, तो कोई जवाब नहीं मिला। संदेह होने पर खिड़की से झांक कर देखा गया, जहां किशोरी की लाश पंखे से लटकती हुई मिली। परिजनों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी।


मौके पर पहुंची पुलिस, सुसाइड नोट के आधार पर कार्रवाई

स्थानीय पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सुसाइड नोट की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इसमें पांच लोगों के नाम लिखे गए हैं, जिनमें एक स्थानीय दरोगा का नाम प्रमुखता से शामिल है। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


FIR में 5 लोगों को नामजद किया गया

सुसाइड नोट और परिजनों के बयान के आधार पर पॉक्सो एक्ट, एससी/एसटी एक्ट, बलात्कार, और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी दरोगा को प्रारंभिक जांच में निलंबित कर दिया गया है और पुलिस टीम उसकी तलाश में लगी हुई है।


महिला सुरक्षा पर फिर उठे सवाल

इस घटना से महिला सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जहां एक ओर एक पुलिसकर्मी पर ही गंभीर आरोप लगे हैं, वहीं दूसरी ओर एक नाबालिग दलित लड़की की जिंदगी छिन गई। मानवाधिकार संगठनों और दलित संगठनों ने इस घटना की निष्पक्ष जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।


निष्कर्ष:

अयोध्या की यह घटना एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या कानून की रक्षा का जिम्मा जिनके कंधों पर है, वही अगर कानून तोड़ें तो समाज कहां जाएगा? अब देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता से कार्य करता है

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