उत्तर प्रदेश

कानपुर में कल 13 स्थानों पर मॉक ड्रिल: हवाई हमले से बचाव की तैयारी में रात 9:30 से ब्लैकआउट

सिविल डिफेंस, सेना और फायर ब्रिगेड मिलकर करेंगे अभ्यास; घरों में बंद रखनी होंगी लाइटें

कानपुर : हवाई हमलों से सुरक्षा और नागरिकों की तैयारियों को परखने के लिए कानपुर शहर में कल शाम एक बड़ी मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। शाम 4 बजे से शुरू होकर रात 10 बजे तक चलने वाली इस ड्रिल में कुल 13 स्थानों पर सुरक्षा अभ्यास होंगे। खास बात यह है कि रात 9:30 से 10 बजे तक पूरे शहर में ब्लैकआउट रहेगा, और लोगों को अपने घरों की लाइटें बंद रखने की अपील की गई है।


क्या है ड्रिल की योजना?

  • 10 स्थानों पर अग्निसुरक्षा (फायर सेफ्टी) ड्रिल की जाएगी।
  • 3 स्थानों पर रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉक ड्रिल होगी, जिसमें बम विस्फोट या हवाई हमले की स्थिति में लोगों को निकालने का अभ्यास शामिल है।
  • इस ड्रिल का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में प्रशासन, सुरक्षा बलों और आम नागरिकों के बीच तालमेल को परखना है।

कौन-कौन होगा शामिल?

इस मॉक ड्रिल में कई एजेंसियां और विभाग हिस्सा लेंगे:

  • सिविल डिफेंस के 183 वॉलंटियर्स
  • भारतीय सेना की टुकड़ी
  • फायर ब्रिगेड (अग्निशमन दल)
  • एसडीआरएफ और पुलिस बल

सभी को अलग-अलग लोकेशनों पर तैनात किया गया है, और उन्हें पहले से ब्रिफ किया गया है कि किन परिस्थितियों में क्या प्रतिक्रिया देनी है।


ब्लैकआउट का निर्देश: क्या करना होगा?

रात 9:30 बजे से 10 बजे तक पूरे शहर में ब्लैकआउट रहेगा। यह अभ्यास युद्धकालीन परिस्थितियों की तैयारी के तहत किया जाएगा। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि:

  • अपने घर की सभी लाइटें बंद रखें
  • खिड़कियों को पर्दों से ढक दें, ताकि कोई रोशनी बाहर न जाए।
  • बाहर निकलने से बचें, और यदि आवश्यक हो तो सुरक्षा बलों के निर्देशों का पालन करें।

प्रशासन की चेतावनी

जिला प्रशासन और पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि:

“यह सिर्फ एक मॉक ड्रिल है, घबराएं नहीं, लेकिन इसे गंभीरता से लें। जो भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया, उस पर कार्रवाई की जा सकती है।”


क्यों हो रही है यह ड्रिल?

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आपातकालीन तैयारी को परखना बेहद ज़रूरी हो गया है। इस ड्रिल के ज़रिए यह आकलन किया जाएगा कि:

  • हवाई हमले की स्थिति में कानपुर की इमरजेंसी रिस्पॉन्स कितनी तैयार है।
  • नागरिकों में सजगता और सहयोग कितना है
  • संसाधनों की उपलब्धता और संचालन क्षमता कैसी है।

निष्कर्ष

इस तरह की मॉक ड्रिल्स न केवल सुरक्षा एजेंसियों की दक्षता को बढ़ाती हैं, बल्कि जनता में सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी पैदा करती हैं। कानपुर में होने वाली यह मॉक ड्रिल उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के प्रति प्रशासन के गंभीर रुख को दर्शाती है।

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