ब्रह्मोस बनने लगीं, यूपी हथियारों का सबसे बड़ा सप्लायर होगा:कानपुर में ड्रोन, आगरा में रडार बनेंगे; डिफेंस कॉरिडोर में शामिल हैं 6 शहर

उत्तर प्रदेश : में डिफेंस कॉरिडोर के तहत हथियारों और रक्षा उपकरणों के निर्माण का कार्य तेज़ी से बढ़ रहा है। कानपुर में ड्रोन और आगरा में रडार बनाए जा रहे हैं, जबकि चित्रकूट, झांसी, लखनऊ और अलीगढ़ भी इस परियोजना में शामिल हैं। भारत सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का उद्देश्य यूपी को देश का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर बनाना है।
डिफेंस कॉरिडोर की शुरुआत: तारीख 1 फरवरी, 2018 को तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2018-19 में देश में दो डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की घोषणा की थी। पहला तमिलनाडु और दूसरा उत्तर प्रदेश के लिए। यूपी में इस कॉरिडोर के लिए 6 प्रमुख शहर – अलीगढ़, आगरा, कानपुर, चित्रकूट, झांसी और लखनऊ को चुना गया।
प्रमुख परियोजनाएं और उनके स्थान:
- कानपुर: ड्रोन निर्माण इकाई।
- आगरा: रडार निर्माण केंद्र।
- अलीगढ़: छोटे हथियारों और एम्युनिशन निर्माण।
- चित्रकूट: एयरोस्पेस और मिसाइल तकनीक।
- झांसी: टैंक और बख्तरबंद वाहनों का निर्माण।
- लखनऊ: रक्षा अनुसंधान और विकास केंद्र।
ब्रह्मोस का निर्माण और यूपी की बढ़ती ताकत: ब्रह्मोस मिसाइल, जो भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई है, अब उत्तर प्रदेश में भी बनने लगी है। यह मिसाइल अपनी उच्च गति और सटीकता के लिए जानी जाती है, और इसका निर्माण यूपी को एक वैश्विक रक्षा विनिर्माण हब बनाने में मदद करेगा।
सरकार का उद्देश्य: उत्तर प्रदेश को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करना, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलें और देश की रक्षा उत्पादन क्षमता बढ़े।
आर्थिक और रोजगार प्रभाव: डिफेंस कॉरिडोर के तहत सैकड़ों करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है और हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने भी इस परियोजना को तेजी से बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत सुधार किए हैं।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश का डिफेंस कॉरिडोर केवल राज्य को रक्षा उत्पादन का केंद्र नहीं बनाएगा, बल्कि भारत की रक्षा क्षमता को भी बढ़ावा देगा। आने वाले वर्षों में यह परियोजना उत्तर प्रदेश को वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में शामिल कर सकती है।