उत्तर प्रदेश

यूपी में शादीशुदा बेटियों को जमीन में हिस्सा: सरकार जल्द करेगी बड़ा फैसला, योगी कैबिनेट में प्रस्ताव पेश होगा

राजस्व परिषद का प्रस्ताव तैयार, 2027 चुनाव में आधी आबादी को साधने की तैयारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में शादीशुदा बेटियों को पिता की कृषि भूमि में अधिकार देने की तैयारी कर रही है। इस ऐतिहासिक निर्णय के जरिए सरकार का उद्देश्य महिलाओं को संपत्ति में समान अधिकार प्रदान करना है, जो समाज में लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

क्या है प्रस्ताव?

राजस्व परिषद ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसमें शादीशुदा बेटियों को भी पिता की कृषि भूमि में हिस्सा देने का प्रावधान किया गया है। यह प्रस्ताव जल्द ही योगी कैबिनेट में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।

कितना हिस्सा मिलेगा बेटियों को?

हालांकि, बेटियों को मिलने वाले हिस्से का प्रतिशत अभी तक तय नहीं किया गया है। यह निर्णय कैबिनेट की मंजूरी और अंतिम चर्चा के बाद ही लिया जाएगा।

महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम

यह फैसला यूपी में महिलाओं को संपत्ति के अधिकार में समानता देने का प्रयास है। वर्तमान में, शादीशुदा बेटियों को पिता की कृषि भूमि में हिस्सा नहीं मिलता था, जिससे वे संपत्ति में अधिकार से वंचित रह जाती थीं।

क्यों महत्वपूर्ण है यह फैसला?

  • लैंगिक समानता: यह फैसला महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता को बढ़ावा देगा।
  • महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा: बेटियों को संपत्ति में हिस्सा मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
  • 2027 चुनाव की रणनीति: यह कदम 2027 के विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं को आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

क्या बोले राजस्व परिषद के अधिकारी?

राजस्व परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने शादीशुदा बेटियों को जमीन में अधिकार देने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। यह प्रस्ताव जल्द ही योगी कैबिनेट में भेजा जाएगा, जहां इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।”

अन्य राज्यों में क्या है नियम?

  • मध्य प्रदेश: शादीशुदा बेटियों को कृषि भूमि में हिस्सा मिलता है।
  • हरियाणा: शादीशुदा बेटियों को संपत्ति में हिस्सा देने का प्रावधान है।
  • राजस्थान: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बेटियों को संपत्ति में हिस्सा मिलता है।

महिलाओं के अधिकारों की दिशा में नया अध्याय

यह प्रस्ताव केवल कानून में बदलाव नहीं है, बल्कि महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास है। इसके जरिए राज्य सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देती है।

समाज की प्रतिक्रिया

  • पूनम वर्मा, महिला अधिकार कार्यकर्ता: “यह एक ऐतिहासिक फैसला है। बेटियों को संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए, चाहे वे शादीशुदा हों या अविवाहित।”
  • राजेश कुमार, किसान: “बेटियों को जमीन में हिस्सा देना सही है, लेकिन परिवारों में इससे विवाद भी बढ़ सकते हैं।”

निष्कर्ष

अगर योगी कैबिनेट इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो यूपी देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो जाएगा जहां शादीशुदा बेटियों को भी पिता की कृषि भूमि में अधिकार मिलेगा। यह कदम न केवल महिलाओं को सशक्त करेगा बल्कि राज्य की राजनीति में भी बड़ा बदलाव लाएगा।

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