योगी सरकार की विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं अपराधियों को दिला रही सख्त सजा

लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपराध नियंत्रण और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं के नेटवर्क को विस्तार देकर एक नई मिसाल स्थापित की है। वर्ष 2017 से पहले साक्ष्यों की कमी के कारण कई गंभीर अपराधियों को बरी होना पड़ता था, लेकिन अब पिछले आठ वर्षों में 75 हजार से अधिक अपराधियों को वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है।
2017 से पहले केवल 4, अब 12 सक्रिय लैब; 6 जल्द शुरू होंगी
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से पहले केवल चार विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं (लखनऊ, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद) थीं, जो सीमित जिलों तक ही सेवाएं प्रदान करती थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आठ नए जिलों में (झांसी, कन्नौज, प्रयागराज, गोरखपुर, बरेली, गोंडा, अलीगढ़, मुरादाबाद) प्रयोगशालाएं स्थापित की गईं, जिससे कुल संख्या बढ़कर 12 हो गई। इसके अलावा अयोध्या, बरेली, बांदा, आजमगढ़, मीरजापुर और सहारनपुर में छह नई प्रयोगशालाओं के निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं।
NAFIS प्रणाली में उत्तर प्रदेश देश में नंबर वन
उत्तर प्रदेश ने NATIONAL AUTOMATED FINGER PRINT IDENTIFICATION SYSTEM (NAFIS) के तहत देश में पहला स्थान हासिल किया है। प्रदेश स्तर पर हाईस्पीड सर्वर से जुड़े इस सिस्टम में अब तक 4,14,473 अंगुली छापों का पंजीकरण किया जा चुका है। इससे अपराधियों की पहचान, गिरफ्तारी और सजा दिलाने की प्रक्रिया में तेजी आई है। एनसीआरबी, नई दिल्ली के अनुसार प्रदेश की यह उपलब्धि राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की मजबूती का प्रमाण है।
तकनीकी सहायता और वैज्ञानिक साक्ष्यों से अपराधियों पर सख्ती
विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं के अत्याधुनिक उपकरण और कुशल वैज्ञानिकों की मदद से हत्या, बलात्कार, चोरी, साइबर क्राइम जैसे मामलों में निर्णायक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। इससे अभियोजन पक्ष मजबूत हुआ है और अपराधियों को सजा दिलाने में उल्लेखनीय सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि जीरो टॉलरेंस नीति तभी सफल हो सकती है जब वैज्ञानिक साक्ष्य और तकनीकी सहायता पूरी तरह सक्षम हों। इस दिशा में प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण और विस्तार प्रदेश की कानून व्यवस्था को नई मजबूती दे रहा है।
निष्कर्ष:
योगी सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में अपराधियों को कठोर सजा मिलने लगी है, जिससे प्रदेश की जनता में कानून के प्रति विश्वास बढ़ा है। भविष्य में छह और नई प्रयोगशालाओं के शुरू होने से यह प्रक्रिया और भी प्रभावी होगी, जो प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगी।