उत्तर प्रदेश

2 पन्ने का सुसाइड नोट लिखकर विवाहिता ने फांसी लगाई: लखनऊ में टीचर से 5 महीने पहले हुई थी शादी, पिता बोले- दहेज में 6 लाख और SUV की मांग

लखनऊ: राजधानी लखनऊ से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां पांच महीने पहले एक टीचर से शादी करने वाली युवती ने दहेज के लगातार दबाव और प्रताड़ना से तंग आकर अपने घर में फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया। विवाहिता ने अपने दर्द को दो पन्नों के सुसाइड नोट में बयां किया है। इस घटना ने न केवल परिवार को सदमा पहुंचाया है बल्कि समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ सवाल भी उठाए हैं।


दहेज की मांग थी 6 लाख रुपए और SUV

पीड़ित युवती के पिता ने बताया कि उनकी बेटी शादी के बाद ससुराल में रहना चाहती थी, लेकिन ससुराल पक्ष ने घर में रखने के लिए 6 लाख रुपए नकद और एक SUV की मांग की।

“हमने कई बार कोशिश की कि सब ठीक हो जाए, लेकिन उनका बस पैसों से मतलब था। बेटी को बार-बार धमकियां दी जाती थीं, दबाव बनाया जाता था।”


सुसाइड नोट में बेटी ने लिखी अपनी पीड़ा

विवाहिता ने सुसाइड नोट में स्पष्ट किया कि वह इन मांगों और मानसिक तनाव से तंग आ गई थी। उसने लिखा कि

“मैंने बहुत सहा, लेकिन अब और नहीं सह सकती। मेरी मौत से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन मेरी पीड़ा को समझा जाए।”


परिवार की गुहार- न्याय और सख्त कार्रवाई की मांग

पीड़ित परिवार ने पुलिस से इस मामले की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि

“हमें न्याय चाहिए ताकि किसी और बेटी के साथ ऐसा न हो। दहेज जैसी कुप्रथा समाज से खत्म होनी चाहिए।”


पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है

घटना की सूचना मिलते ही लखनऊ पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि

“हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। यदि दहेज की मांग और प्रताड़ना पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।”


दहेज प्रथा के खिलाफ कानून और सामाजिक जागरूकता

दहेज प्रताड़ना पर रोक लगाने के लिए भारत में दहेज निषेध अधिनियम जैसी कड़ी कानून व्यवस्था है, लेकिन इसका प्रभावी क्रियान्वयन और सामाजिक जागरूकता की कमी इस तरह के मामलों को रोकने में बाधक बनती है। ऐसे दुखद घटनाएं इस बात की याद दिलाती हैं कि हमें दहेज प्रथा के खिलाफ और कड़े कदम उठाने की जरूरत है।


निष्कर्ष

लखनऊ की इस दुखद घटना ने फिर से समाज को झकझोर दिया है। जब तक दहेज जैसी कुप्रथाएं पूरी तरह खत्म नहीं होंगी, तब तक ऐसे अनगिनत परिवार दर्द और आंसुओं में डूबे रहेंगे। हमें समाज में महिला सुरक्षा और सम्मान के लिए मिलकर प्रयास करना होगा। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के साथ ही इस घटना से सबक लेकर दहेज प्रथा के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button