लखनऊ में सपा कार्यकर्ताओं ने BJP नेता के पोस्टरों पर पोती कालिख: DNA टिप्पणी को लेकर भड़के सपाई, भाजपा ने कहा- यह गुंडागर्दी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर सियासी तापमान चरम पर पहुंच गया है। इस बार वजह बना है भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री जीशान खान का एक विवादित बयान, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के DNA पर सवाल उठा दिया। इस बयान से आक्रोशित होकर सपा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार देर रात लखनऊ के विभिन्न इलाकों में लगाए गए जीशान खान के पोस्टरों पर कालिख पोत दी।
क्या कहा था जीशान खान ने?
बीजेपी नेता जीशान खान ने कुछ दिन पहले एक जनसभा में कहा था:
“अखिलेश यादव को अगर वाकई अपने परिवार की विरासत पर गर्व है तो वह अपना DNA टेस्ट करवाएं।”
इस बयान को सपा कार्यकर्ताओं ने गंभीर निजी हमला माना और इसे पार्टी व नेता की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला बताया।
सपा कार्यकर्ताओं का विरोध
- मंगलवार देर रात सपा के यूथ विंग और छात्रसभा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के चौक, हजरतगंज, आलमबाग और गोमती नगर क्षेत्रों में जीशान खान के पोस्टरों पर कालिख पोतकर विरोध जताया।
- उन्होंने नारेबाजी करते हुए कहा, “नेता जी का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।”
भाजपा का पलटवार
भाजपा प्रवक्ताओं और नेताओं ने सपा की इस हरकत को गुंडागर्दी करार देते हुए कहा कि—
“विचारधारा से जवाब देने के बजाय सपा सड़कछाप हरकतों पर उतर आई है। ये लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है।”
भाजपा ने पुलिस से इस मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग की है और कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना आपराधिक कृत्य है।
पुलिस प्रशासन अलर्ट
विवाद के बढ़ते स्वरूप को देखते हुए लखनऊ पुलिस ने CCTV फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। संदिग्धों की पहचान कर FIR दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार:
“शहर की शांति और कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिसने भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
निष्कर्ष:
उत्तर प्रदेश की राजनीति में चुनावी माहौल के साथ-साथ निजी बयानबाजी और जवाबी हमलों का दौर शुरू हो गया है। जहां एक ओर सपा DNA टिप्पणी को अपमानजनक और जातीय भावनाओं को आहत करने वाला बता रही है, वहीं भाजपा इसे राजनीतिक असहमति का हिस्सा मान रही है। आने वाले दिनों में यह विवाद और ज्यादा राजनीतिक हलचल पैदा कर सकता है।