भीषण गर्मी में योगी सरकार ने पेश की बिजली आपूर्ति की मिसाल: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में तय शेड्यूल से अधिक मिली बिजली

लखनऊ | उत्तर प्रदेश की जनता को इस साल गर्मी में बिजली कटौती की मार नहीं झेलनी पड़ी, और इसका पूरा श्रेय योगी सरकार की सक्रियता और सुदृढ़ प्रबंधन को जाता है। अप्रैल और मई 2025 की भीषण गर्मी के बीच जब तापमान 45 से 46 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा, तब भी उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने न केवल तय बिजली शेड्यूल का पालन किया, बल्कि उससे अधिक बिजली देकर राहत पहुंचाई।
40-45 डिग्री की गर्मी में भी रही पावरफुल आपूर्ति
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-मई 2025 में यूपी के अधिकतर जिलों में पारा 40 डिग्री से ऊपर और कुछ में 46 डिग्री तक गया। बांदा में 16 मई को 46.2 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया जो देश में सबसे अधिक था। बावजूद इसके, प्रदेश के किसी भी भाग में व्यापक बिजली संकट नहीं देखा गया। प्रयागराज, कानपुर, झांसी और वाराणसी जैसे शहरों में लू की लहर जारी रही, लेकिन बिजली आपूर्ति पर इसका असर नहीं पड़ा।
तय शेड्यूल से अधिक बिजली, हर क्षेत्र को राहत
योगी सरकार द्वारा चारों डिस्कॉम इकाइयों—पूर्वांचल, मध्यांचल, दक्षिणांचल और पश्चिमांचल, तथा केस्को क्षेत्र के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि बिजली आपूर्ति निर्धारित घंटों से अधिक रही।
क्षेत्र | ग्रामीण (घंटे) | तहसील मुख्यालय (घंटे) | जिला मुख्यालय (घंटे) |
---|---|---|---|
पूर्वांचल | 18.20 | 21.31 | 23.49 |
मध्यांचल | 18.13 | 21.38 | 23.51 |
दक्षिणांचल | 18.50 | 21.28 | 23.52 |
पश्चिमांचल | 17.51 | 21.32 | 23.26 |
केस्को (कानपुर) | — | — | 23.26 |
तुलनात्मक रूप से देखें तो निर्धारित शेड्यूल में ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घंटे, तहसीलों को 21.30 घंटे और जिला मुख्यालयों को 24 घंटे बिजली देने का लक्ष्य था, जिसे लगभग सभी क्षेत्रों में पूरा किया गया।
मुख्यमंत्री की सख्ती और विभाग की तत्परता ने निभाई भूमिका
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गर्मी की शुरुआत से पहले ही ऊर्जा विभाग और डिस्कॉम अधिकारियों को अलर्ट मोड पर काम करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पूरे प्रदेश में कंट्रोल रूम्स की निगरानी, फील्ड विजिट्स, समयबद्ध रिपेयर और सप्लाई मॉनिटरिंग को प्राथमिकता दी गई।
ग्रामीण क्षेत्रों में न केवल घरेलू उपभोग, बल्कि कृषि कार्यों के लिए भी निरंतर बिजली उपलब्ध कराई गई। इससे किसानों को फसल सिंचाई और पशुपालन में भी राहत मिली।
जब अन्य राज्य जूझ रहे थे ट्रिपिंग से, यूपी बना मॉडल
उत्तर भारत के कई राज्यों में लू के दौरान बिजली कटौती की शिकायतें सामने आईं। वहीं उत्तर प्रदेश में किसी बड़े लोड शेडिंग या ट्रिपिंग संकट की खबर नहीं आई। यह योगी सरकार के नेतृत्व और UPPCL की तैयारियों का नतीजा है कि यूपी अब बिजली प्रबंधन के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभर रहा है।
निष्कर्ष
गर्मी के इस भीषण दौर में बिजली आपूर्ति बनाए रखना सिर्फ तकनीकी नहीं बल्कि प्रशासनिक विजय भी है। योगी सरकार ने यह दिखाया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति, आधुनिक प्रबंधन और टेक्नोलॉजी के उपयोग से किसी भी संकट को मात दिया जा सकता है।