“स्कूल जाना चाहती हूं, आप मेरा एडमिशन करा दीजिए”: जनता दर्शन में नन्ही बच्ची की मासूमियत पर मुस्कुराए सीएम योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक संवेदनशील और भावुक रूप सोमवार को फिर एक बार जनता दर्शन में देखने को मिला, जब मुरादाबाद की एक नन्ही बच्ची वाची अपनी मासूम सी गुजारिश लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंची। बच्ची ने निडरता से कहा— “मैं स्कूल जाना चाहती हूं, आप मेरा एडमिशन करा दीजिए।”
जनता दर्शन के दौरान जब मुख्यमंत्री सभी फरियादियों से मिल रहे थे, तब उनकी नजर वाची पर पड़ी। मुख्यमंत्री ने पहले बच्ची से मुस्कराते हुए उसका हालचाल पूछा और फिर उसका आवेदन पत्र अपने हाथों से पढ़ा।
जब सीएम योगी ने पूछा, “तू स्कूल नहीं जाना चाहती?“
वाची ने तुरंत जवाब दिया, “नहीं! मैं जाना चाहती हूं, आप एडमिशन करवा दो।“
मुख्यमंत्री ने हल्के अंदाज में पूछा, “किस क्लास में कराना है? 10वीं या 11वीं?“
बच्ची ने हँसते हुए जवाब दिया, “अरे, मुझे क्लास का नाम नहीं पता।“
यह सुनकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी मुस्कुरा उठे और तुरंत प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद को निर्देश देते हुए कहा, “इस बच्ची का एडमिशन हर हाल में कराया जाए।“
💖 मुख्यमंत्री का स्नेह और वाची की मुस्कान
बच्ची वाची ने मुख्यमंत्री से मिलने के अनुभव को साझा करते हुए कहा—
“मैं योगी जी से मिली, उनसे कहा कि मेरा स्कूल में एडमिशन करवा दो। उन्होंने कहा हां, करवा दूंगा। उन्होंने मुझे बिस्कुट और चॉकलेट भी दी।”
जनता दर्शन में उपस्थित लोग इस पूरे दृश्य को देखकर भावुक भी हुए और मुख्यमंत्री के बच्चों के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी को देख प्रशंसा करते नजर आए।
👨🏫 योगी आदित्यनाथ: एक संत, एक प्रशासक और एक संवेदनशील मन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि सिर्फ एक कठोर प्रशासक की नहीं, बल्कि एक संत और बालमित्र की भी है। हर दौरे और कार्यक्रम में वे बच्चों से मिलने, बात करने और उन्हें चॉकलेट देने के लिए समय निकालते हैं। यह वाकया उस संवेदनशील पक्ष को और गहराई देता है।
📌 निष्कर्ष:
बच्ची की मासूम फरियाद और मुख्यमंत्री का सहज, सजीव और संवेदनशील संवाद एक मिसाल है कि नेतृत्व तब संपूर्ण होता है जब उसमें मानवीय भावनाओं के लिए भी स्थान हो। जनता दर्शन के इस पल ने यह सिद्ध किया कि छोटी-सी आवाज भी बड़ी संवेदना जगा सकती है।