जनता दर्शन में 7वीं की छात्रा पंखुड़ी ने की मुख्यमंत्री से भावनात्मक अपील, CM ने कहा- पढ़ाई नहीं रुकेगी, हम पूरा खर्च उठाएंगे
CM योगी का संवेदनशील चेहरा: “खूब पढ़ो बिटिया, फीस की चिंता मत करो” – जनता दर्शन में भावुक हुआ क्षण

गोरखपुर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर अपनी संवेदनशील और सहृदय छवि से दिल जीत लिया है।
जनता दर्शन में एक बच्ची की गुहार पर उन्होंने न केवल उसकी शिक्षा का खर्च उठाने का भरोसा दिलाया, बल्कि उसके साथ फोटो खिंचाने की ख्वाहिश भी पूरी की।
कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली पंखुड़ी त्रिपाठी, जो इस समय कक्षा 7 में पढ़ रही हैं, मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचीं। उनका उद्देश्य केवल इतना था —
“महाराज जी, मैं पढ़ना चाहती हूं, फीस नहीं दे पा रहे हैं, मदद कर दीजिए।”
👧 पंखुड़ी की पढ़ाई पर मंडरा रहा था संकट
पंखुड़ी त्रिपाठी एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ती हैं। उनके पिता राजीव त्रिपाठी दिव्यांग हैं, और मां मीनाक्षी एक दुकान पर नौकरी करके घर चला रही हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि स्कूल की फीस भरना भी मुश्किल हो गया है। उनके भाई की पढ़ाई भी चल रही है, जिससे आर्थिक भार और बढ़ गया है।
🧡 CM योगी ने कहा: “पढ़ाई बाधित नहीं होने देंगे”
मुख्यमंत्री ने पंखुड़ी की बात सुनते ही कहा:
“बिलकुल परेशान मत हो बिटिया, तुम्हारी पढ़ाई नहीं रुकने देंगे। अगर स्कूल फीस माफ नहीं करता तो हम खुद उसका इंतजाम करेंगे।”
साथ ही उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बच्ची की शिक्षा में कोई बाधा न आए।
📸 बिटिया की मुस्कान: CM योगी संग फोटो की इच्छा भी पूरी हुई
फीस की चिंता से मुक्त हुई पंखुड़ी ने मुख्यमंत्री से एक और विनती की — “क्या एक फोटो मिल सकती है?”
मुख्यमंत्री ने मुस्कराते हुए हां कर दी, और यह बिटिया के लिए जीवन भर की याद बन गई।
भावविभोर पंखुड़ी ने कहा —
“महाराज जी जैसा कोई नहीं है।”
📌 जनता दर्शन में 100 से अधिक लोगों की सुनीं समस्याएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर परिसर में करीब 100 लोगों की समस्याएं सुनीं।
उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि:
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सभी मामलों का त्वरित निस्तारण हो।
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जरूरतमंदों को आवास, इलाज और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ तत्काल मिले।
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अस्पताल से इलाज का इस्टीमेट मंगाकर शासन को भेजा जाए ताकि आर्थिक मदद दी जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा,
“जनता की हर पीड़ा का निवारण हमारी सरकार की प्राथमिकता है।”
निष्कर्ष:
पंखुड़ी त्रिपाठी की ये कहानी सिर्फ एक बच्ची की नहीं, बल्कि उन लाखों जरूरतमंद छात्रों की उम्मीद है जो शिक्षा का सपना देखते हैं लेकिन संसाधनों की कमी से जूझते हैं।
CM योगी आदित्यनाथ का यह सराहनीय निर्णय न केवल एक बच्ची की पढ़ाई बचाएगा, बल्कि समाज को यह संदेश भी देगा कि सत्ता संवेदना से चलती है।