उत्तर प्रदेशलखनऊ

लखनऊ में गर्मी की छुट्टी के बाद खिले नन्हें चेहरे: स्कूल खुले, टीचर्स ने तिलक-चॉकलेट से किया स्वागत, दीक्षा ने सुनाई कहानी

यूपी के सभी 75 जिलों में स्कूलों का दोबारा आगाज़, लखनऊ में बच्चों का पारंपरिक तरीके से हुआ अभिनंदन, स्कूलों में दिखा उत्सव जैसा माहौल

लखनऊ | उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में सोमवार से गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूलों का दोबारा संचालन शुरू हो गया
राजधानी लखनऊ में सुबह से ही एक विशेष उत्साह और उमंग का माहौल देखा गया। स्कूलों ने अपने नन्हे छात्रों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी।


🌸 तिलक, फूल, चॉकलेट से हुआ बच्चों का भव्य स्वागत

लखनऊ के सरकारी और निजी स्कूलों में सोमवार सुबह 8 बजे से ही छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचने लगे
शिक्षकों ने उनके माथे पर तिलक लगाया, फूलों की वर्षा की, और चॉकलेट-बिस्किट और स्टेशनरी किट देकर उनका स्वागत किया।

कुछ स्कूलों में छात्रों को माला पहनाकर ‘वेलकम बैक’ कहा गया। यह माहौल किसी त्योहार जैसा नजर आया।


📖 दीक्षा ने सुनाई प्रेरणादायक कहानी

कक्षा-1 की दीक्षा, जो इस बार पहली बार स्कूल आई थी, उसने क्लास में खड़े होकर एक छोटी-सी नैतिक कहानी सुनाई — “सच्चाई की जीत”।
उसकी मासूम आवाज और आत्मविश्वास ने क्लास में बैठे सभी बच्चों और शिक्षकों को प्रभावित किया।


🧑‍🏫 अभिभावकों ने भी जताई खुशी

बच्चों को छोड़ने आए कई अभिभावकों ने कहा कि
“इस तरह के स्वागत से बच्चों में स्कूल को लेकर उत्साह बढ़ता है। छुट्टियों के बाद जो सुस्ती रहती है, वह माहौल देखकर छूमंतर हो जाती है।”


🏫 स्कूलों में हुआ स्वागत कार्यक्रम और गतिविधियाँ

राजकीय प्राथमिक विद्यालयों से लेकर निजी स्कूलों तक, कई संस्थानों में

  • वेलकम बैक असेंबली

  • रंगोली सजावट

  • बाल गीत और प्रेरणादायक भाषण
    का आयोजन किया गया।

कुछ स्कूलों में बच्चों को ‘माई फेवरेट समर मोमेंट’ पर बोलने के लिए भी कहा गया।


📸 फोटो कैप्शन सुझाव (पोस्ट या समाचार के लिए):

“बचपन की मुस्कान लौट आई है: लखनऊ में स्कूल खुलते ही बच्चों का उल्लास देखते ही बनता था”


निष्कर्ष:

गर्मी की लंबी छुट्टियों के बाद यूपी में स्कूलों का खुलना न केवल शैक्षणिक गतिविधियों का फिर से आरंभ है, बल्कि यह बचपन की चहचहाहट, मासूमियत और शिक्षा के रंगों की वापसी भी है।
लखनऊ का यह स्वागत समारोह एक मिसाल है — कि अगर स्कूल बच्चों के लिए उत्सव बन जाएं, तो शिक्षा बोझ नहीं, आनंद बनती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button