‘दूध में नहीं, हमारे विश्वास पर थूका’: लखनऊ में दूधिए की हरकत से भावुक हुए भक्त, बोले– ठाकुर जी को रोज इसी दूध से कराते थे स्नान
वीडियो वायरल होते ही भड़के श्रद्धालु, महिला बोली– पति ने मना किया था, हमने सोचा मजाक कर रहे हैं; आरोपी दूधिया फरार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक दूधिए द्वारा दूध में थूकने का वीडियो वायरल होने के बाद शहरभर में रोष फैल गया है।
इस घटना से न केवल स्वच्छता और स्वास्थ्य की चिंता बढ़ी है, बल्कि धार्मिक भावनाएं भी गहराई से आहत हुई हैं।
वीडियो में दिखाया गया है कि दूधिया मंत्र पढ़ते हुए दूध में फूंक मारता है और फिर थूक देता है।
इस हरकत से पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों में गहरा गुस्सा है।
पीड़ित महिला का बयान:
पीड़िता ने भावुक स्वर में कहा:
“हम ठाकुर जी को रोज इसी दूध से स्नान कराते थे। हमें क्या पता था कि यह दूध इस तरह अपवित्र किया गया है। मेरे पति ने वीडियो देखकर कहा कि यह दूध मत लो, इसने थूका है। पहले हमें लगा वह मजाक कर रहे हैं। लेकिन जब वीडियो पूरा देखा तो पैरों तले जमीन खिसक गई।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह कृत्य दूध में थूकने से ज़्यादा हमारे विश्वास को ठेस पहुंचाने वाला है।
मामले पर पुलिस की कार्रवाई:
वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी दूधिए के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश शुरू कर दी गई है।
एफआईआर में धारा 295A (धार्मिक भावनाएं भड़काने) सहित स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत धाराएं जोड़ी गई हैं।
लखनऊ पुलिस अधिकारी ने बताया:
“यह घटना गंभीर है। हम जांच कर रहे हैं कि क्या यह जानबूझकर की गई साजिश है या किसी मजहबी उन्माद का हिस्सा। आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।”
सोशल मीडिया पर गुस्सा:
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।
लोगों ने इसे श्रद्धा और धर्म का अपमान बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कुछ यूज़र्स ने लिखा – “दूध अपवित्र नहीं, आस्था को अपमानित किया गया है।”
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी:
खाद्य सुरक्षा विभाग ने भी दूध के सैंपल लेकर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है और आम लोगों से पैक्ड या विश्वसनीय स्रोत से ही दूध लेने की अपील की है।
निष्कर्ष (Conclusion):
लखनऊ की यह घटना सिर्फ एक स्वच्छता या खाद्य मानक का मामला नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास पर किया गया गहरा प्रहार है।
प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि धार्मिक भावना से खिलवाड़ करने वाले तत्वों पर कठोर दंड हो ताकि भविष्य में कोई इस प्रकार की घृणित हरकत दोहराने की हिम्मत न कर सके।