“चुनाव आयोग BJP के इशारे पर काम कर रहा है”: अखिलेश यादव का बड़ा आरोप, बोले- वोटर लिस्ट में 1 माह में 8 करोड़ नाम जोड़ना साजिश
सपा प्रमुख ने उठाए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल, कहा- CM बनने की लालसा में कुछ लोग संविधान की मर्यादा तोड़ रहे

लखनऊ, उत्तर प्रदेश | समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को एक प्रेस वार्ता में चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि “जब चुनाव नजदीक हैं, तभी नई वोटर लिस्ट बनाने की प्रक्रिया क्यों शुरू की गई?”
उन्होंने यह भी दावा किया कि केवल 1 माह में 8 करोड़ नए नाम जोड़ना न केवल संदेहास्पद है, बल्कि एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा लगता है।
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
“चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है।
जब चुनाव सिर पर हैं, तब नई वोटर लिस्ट क्यों बनाई जा रही है?
8 करोड़ नाम जोड़ना दिखाता है कि संविधान और लोकतंत्र को पीछे धकेलने की कोशिश की जा रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग जबरदस्ती मुख्यमंत्री बनने की दवा खोज रहे हैं, लेकिन जनता सब समझ रही है और वक्त आने पर जवाब देगी।
सपा का आरोप:
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नई वोटर लिस्ट में विपक्ष के समर्थकों के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं।
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सत्ताधारी पार्टी फर्जी वोटिंग के लिए नए नाम जोड़वा रही है।
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चुनाव आयोग की प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता के खिलाफ है।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि सपा इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपेगी और चुनाव आयोग को पत्र लिखेगी।
चुनाव आयोग का पक्ष (अब तक का कोई बयान नहीं):
इस पूरे प्रकरण पर अब तक चुनाव आयोग की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह प्रक्रिया नियमित मतदाता सूची पुनरीक्षण का हिस्सा है।
राजनीतिक माहौल गरमाया:
इस बयान के बाद यूपी की राजनीति में गर्मी आ गई है।
भाजपा नेताओं ने अखिलेश यादव के बयान को “राजनीतिक हताशा” बताया है और कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, जो संविधान के तहत कार्य करती है।
निष्कर्ष (Conclusion):
अखिलेश यादव का यह बयान 2025 के चुनावी माहौल में एक नई बहस को जन्म दे रहा है।
वोटर लिस्ट में बदलाव को लेकर राजनीतिक दलों की निगरानी बढ़ती जा रही है।
अब देखना यह होगा कि क्या चुनाव आयोग इस मुद्दे पर साफ और सार्वजनिक प्रतिक्रिया देता है या नहीं।