बाराबंकी | सावन के तीसरे सोमवार को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के प्रसिद्ध औसानेश्वर महादेव मंदिर में बड़ा हादसा हो गया। जलाभिषेक के दौरान अचानक करंट फैलने से भगदड़ मच गई, जिसमें दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 29 लोग घायल हो गए। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
⚡ कैसे हुआ हादसा?
घटना सोमवार देर रात करीब 2 बजे की है, जब मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए एकत्र थे। प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस अधिकारियों के अनुसार, एक बंदर बिजली के तार पर कूद गया, जिससे तार टूटकर मंदिर के टिन शेड पर गिर गया। तार टूटते ही शेड में करंट फैल गया और अफरा-तफरी मच गई। करंट की खबर फैलते ही श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई।
🚑 दो की मौत, दर्जनों घायल
हादसे में 22 वर्षीय प्रशांत (निवासी मुबारकपुरा) सहित दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। 29 घायलों को मौके से हैदरगढ़ और त्रिवेदीगंज सीएचसी भेजा गया, जिनमें से कई की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
🕵️♂️ प्रशासन मौके पर, जांच के आदेश
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और एसपी अर्पित विजयवर्गीय समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। डीएम ने हादसे की जांच के आदेश देते हुए बिजली विभाग और मंदिर समिति से रिपोर्ट मांगी है।
“बंदर के कूदने से बिजली का तार टूटकर मंदिर परिसर पर गिरा। इससे करंट फैला और भगदड़ मची। घायलों को समय रहते अस्पताल पहुंचाया गया।”
— डीएम शशांक त्रिपाठी
📸 घटनास्थल की तस्वीरें और हालात
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एम्बुलेंस में ले जाए जा रहे घायल श्रद्धालु
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अस्पताल में रोते-बिलखते परिजन
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मंदिर परिसर में फिर से शुरू हुआ जलाभिषेक
हादसे के कुछ घंटे बाद स्थिति सामान्य हो गई और श्रद्धालु पुनः लाइन में लगकर पूजा करने लगे।
🔍 स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर परिसर में बिजली व्यवस्था की पहले से शिकायतें थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। घटना के बाद मंदिर प्रबंधन और बिजली विभाग पर लापरवाही के आरोप लगने लगे हैं।
📌 निष्कर्ष:
सावन जैसे पवित्र माह में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और प्रशासन की सतर्कता की कमी के कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ। यह घटना न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि धार्मिक स्थलों पर सुनियोजित आपदा प्रबंधन की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।