हरिद्वार | हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर मार्ग पर रविवार को हुए भगदड़ में दर्दनाक हादसा हो गया। भीड़ की चपेट में आकर रामपुर के तीन युवकों की मौके पर मौत हो गई जबकि अन्य कई श्रद्धालु घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही रामपुर जिले के गांवों में मातम पसर गया है। मृतकों के परिजन हरिद्वार पहुंच चुके हैं।
🧎♂️ कांवड़ लेकर पहुंचे थे मनसा देवी दर्शन
मरने वालों में रामपुर जिले के बिलासपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम नगरिया कला के मजरा निवासी शामिल हैं। मृतकों में एक विक्की सैनी (20 वर्ष) है, जो गुरु तेग बहादुर साहब राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में द्वितीय वर्ष का छात्र था। वह अपने दोस्तों के साथ हरिद्वार कांवड़ लाकर मनसा देवी मंदिर में दर्शन के लिए निकला था।
🔴 चश्मदीद की आंखों देखी
हादसे में घायल जयकिशन ने बताया:
“हम चारों लोग प्रसाद चढ़ाने के लिए मंदिर जा रहे थे। अचानक भगदड़ मची और भारी भीड़ दौड़ते हुए आई। किसी को कुछ समझ नहीं आया। देखते ही देखते सबको रौंदते हुए भीड़ आगे निकल गई।“
“विक्की, जयकिशन, सचिन और विपिन भीड़ में दब गए। घायल हालत में सचिन ने जयकिशन को खींचकर किसी तरह बाहर निकाला, लेकिन विक्की और विपिन ने वहीं दम तोड़ दिया।“
🏥 घायलों का इलाज जारी
घटना में घायल जयकिशन और सचिन का उपचार हरिद्वार के सरकारी अस्पताल में चल रहा है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
🙏 गांव में पसरा मातम, लोगों की आंखें नम
तीनों युवकों की मौत की खबर जैसे ही रामपुर पहुंची, गांव नगरिया कला में शोक की लहर दौड़ गई। सैकड़ों ग्रामीण युवाओं के घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधा रहे हैं। क्षेत्र में तीज और सावन के उत्सव के बीच यह घटना भारी ग़म का कारण बन गई है।
⚠️ प्रशासन पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि:
“भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त पुलिस बल नहीं था। ना कोई बैरिकेडिंग और ना ही कंट्रोल रूम की व्यवस्था, जिससे यह हादसा बड़ा रूप ले गया।“
प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
📝 निष्कर्ष
हरिद्वार जैसे बड़े तीर्थ स्थलों पर सावन में हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्थाओं पर सवाल अब आम हो चुके हैं। यह हादसा एक बार फिर प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़ा करता है।