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सोशल मीडिया अब बन चुका है एक आंदोलन: प्रो. संजय द्विवेदी

माउंट आबू में ब्रह्माकुमारीज के चार दिवसीय सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स रिट्रीट का भव्य शुभारंभ | देशभर से पहुंचे 350 प्रतिनिधियों ने किया सार्थक संवाद पर मंथन

माउंट आबू (राजस्थान)। “सोशल मीडिया अब केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं रहा, यह एक सामाजिक आंदोलन का स्वरूप ले चुका है।” यह प्रेरणादायक वक्तव्य भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने माउंट आबू में आयोजित चार दिवसीय सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स रिट्रीट के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किया।

इस आयोजन का उद्देश्य सोशल मीडिया की शक्ति का सकारात्मक, रचनात्मक और जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित करना है। कार्यक्रम का आयोजन ब्रह्माकुमारीज द्वारा किया गया, जिसमें देशभर से 350 से अधिक कंटेंट क्रिएटर्स, डिजिटल प्रोफेशनल्स और इंफ्लूएंसर्स ने भाग लिया।


प्रो. संजय द्विवेदी ने कही दिल छूने वाली बातें:

प्रो. द्विवेदी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा:

“सोशल मीडिया केवल वायरल होने का प्लेटफॉर्म नहीं है, यह मूल्यपरक और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ प्रयोग करने का अवसर है। हमें एल्गोरिद्म की गुलामी से निकलकर दिल से बात करनी चाहिए। अगर हमारा कंटेंट भारत की आत्मा, उसकी आकांक्षाओं और संस्कृति को दर्शाता है, तो वह अवश्य लोगों तक पहुंचेगा।”

उन्होंने आगे कहा:

“हमें सिर्फ कंटेंट क्रिएटर नहीं, बल्कि कंटेंट रिफॉर्मर और लीडर भी बनना होगा। हमारा कैमरा और रिंग लाइट समाज को बदलने वाली रौशनी बन सकती है, बशर्ते हम अपने कार्य को केवल कैरियर नहीं, एक मिशन समझें।”


जाह्नवी सिंह: “शास्त्र, संस्कृति और साड़ी से जोड़ रही नई पीढ़ी को भारतबोध से”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सम्मानित सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर जाह्नवी सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा:

“मैं सोशल मीडिया पर शास्त्र, संस्कृति और साड़ी – इन तीन माध्यमों से भारत की परंपरा को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हूं। यह एक साधना है जो भारतबोध जगाने का माध्यम बन रही है।”


कुलदीप सिंहानिया: “मूल्यों के साथ जीती गई सफलता ही सच्चा सुख देती है”

फिल्म कलाकार और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर कुलदीप सिंहानिया ने कहा:

“मैंने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। जो सफलता अपने मूल्यों के साथ मिलती है, वही असली सुख देती है। हमें डिजिटल माध्यम का उपयोग सकारात्मक संवाद फैलाने के लिए करना चाहिए।”


350 प्रतिनिधियों की मौजूदगी, आयोजन में जोश और अनुशासन दोनों:

इस भव्य आयोजन की शुरुआत बीके कोमल के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने बताया कि देश के कोने-कोने से 350 सोशल मीडिया प्रतिनिधि यहां पहुंचे हैं, जो सोशल मीडिया की शक्ति को मानवता और समाज सेवा के हित में प्रयोग करना चाहते हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बीके रीना ने किया।

इस अवसर पर सिरोही की कलेक्टर अल्पा चौधरी, ब्रह्माकुमारीज के अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा, और वरिष्ठ पदाधिकारी बीके मृत्युंजय भी मौजूद रहे।


निष्कर्ष:

यह रिट्रीट उन युवाओं और डिजिटल लीडर्स के लिए प्रेरणा है जो सोशल मीडिया को केवल व्यूज और लाइक्स का माध्यम मानते हैं। प्रो. संजय द्विवेदी और अन्य वक्ताओं की बातें यह संदेश देती हैं कि सोशल मीडिया अब एक आंदोलन है – एक बदलाव का जरिया। भारत के विचारों, संस्कृति और मानवीय मूल्यों को विश्व तक पहुँचाने का मजबूत और सशक्त मंच।


📌 विशेष:
यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि जब सोशल मीडिया का उपयोग विवेक और जिम्मेदारी के साथ होता है, तो यह सामाजिक जागरण और राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का औजार बन सकता है।

News Desk

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