अमेरिका तक वार करने वाली मिसाइल बना रहा पाकिस्तान: क्यों ट्रंप प्रशासन हुआ चौकन्ना, इस कदम के मायने क्या?

इस्लामाबाद/वॉशिंगटन। पाकिस्तान अब ऐसी मिसाइल तकनीक पर काम कर रहा है जो अमेरिका तक मार करने में सक्षम हो सकती है। अमेरिकी पत्रिका Foreign Affairs की रिपोर्ट और खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान चीन की मदद से इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है, जिससे वॉशिंगटन में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं गहराती जा रही हैं।
🔍 क्या होती है ICBM मिसाइल?
इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) वे मिसाइलें होती हैं जिनकी न्यूनतम मारक क्षमता 5500 किलोमीटर से शुरू होती है और अधिकतम सीमा 16000 किलोमीटर तक हो सकती है।
इनका प्रयोग आमतौर पर परमाणु हथियारों को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक ले जाने के लिए किया जाता है। इन्हें जमीन, ट्रक, ट्रेन, सबमरीन या अंडरग्राउंड लॉन्चर से छोड़ा जा सकता है।
👉 ICBM की तीन चरणों की प्रक्रिया:
- लॉन्च और बूस्ट फेज: 3 से 5 मिनट तक रॉकेट बूस्टर्स के ज़रिए मिसाइल अंतरिक्ष तक जाती है।
- मिडकोर्स फेज: मिसाइल पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में प्रवेश करती है और अपने टारगेट की दिशा में बढ़ती है।
- रीएंट्री और टारगेट स्ट्राइक फेज: मिसाइल पृथ्वी के गुरुत्व बल के कारण तीव्र गति से वापस लौटती है और 7 किमी/सेकंड की स्पीड से अपने पेलोड (परमाणु या अन्य हथियार) को टारगेट पर गिराती है।
🛰️ पाकिस्तान का ICBM कार्यक्रम और चीन की भूमिका
अब तक पाकिस्तान के पास ICBM तकनीक नहीं थी, जबकि वह परमाणु शक्ति संपन्न देश है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान ने चीन की सहायता से बड़ी रॉकेट मोटर तकनीक और लॉन्च क्षमता को विकसित करना शुरू कर दिया है।
दिसंबर 2024 की रिपोर्ट में:
- अमेरिका ने पाकिस्तान की 4 कंपनियों पर बैन लगाया जो ICBM तकनीक से जुड़ी मटेरियल और कंपोनेंट्स सप्लाई कर रही थीं।
- इसमें पाकिस्तान की सरकारी कंपनी नेशनल डिफेंस कॉम्प्लेक्स (NDC) भी शामिल थी।
- साथ ही कुछ चीनी कंपनियों पर भी अमेरिका पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है।
अमेरिकी डिप्टी एनएसए जॉन फाइनर के अनुसार, पाकिस्तान जिस मिसाइल पर काम कर रहा है, उसकी मारक क्षमता 10000 किलोमीटर से अधिक हो सकती है, जिससे वह अमेरिका के कई बड़े शहरों को निशाना बना सकेगा।
🇮🇳 भारत की ICBM क्षमता: अग्नि-V
भारत के पास पहले से ही ‘अग्नि-V’ जैसी ICBM मिसाइलें हैं, जिनकी रेंज लगभग 5500 से 8000 किलोमीटर तक है। यह मिसाइल चीन के प्रमुख शहरों को टारगेट कर सकती है और DRDO इसे और अपग्रेड कर रहा है।
भारत का मिसाइल कार्यक्रम पूरी तरह से स्वदेशी और रणनीतिक है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना है, न कि आक्रामकता दिखाना।
🌐 किन देशों के पास है ICBM?
वर्तमान में निम्नलिखित 8 देशों के पास ICBM मिसाइल तकनीक है:
- अमेरिका
- रूस
- चीन
- फ्रांस
- भारत
- ब्रिटेन
- इज़राइल (घोषित नहीं, पर माना जाता है)
- उत्तर कोरिया
🔴 अमेरिका क्यों है चिंतित?
- पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम भारत के खिलाफ बनाया गया था, लेकिन अब यदि उसकी मिसाइलें अमेरिका तक पहुंचने लगें तो यह वॉशिंगटन की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा बन जाएगा।
- अमेरिका को डर है कि किसी भविष्य की भारत-पाक जंग में, पाकिस्तान ICBM के जरिए अमेरिका को जंग में हस्तक्षेप से रोकने के लिए ब्लैकमेल कर सकता है।
🔚 निष्कर्ष
पाकिस्तान का ICBM प्रोग्राम न सिर्फ दक्षिण एशिया, बल्कि वैश्विक सुरक्षा समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।
भारत की रक्षा क्षमताएं पहले से ही इस दिशा में मजबूत हैं, लेकिन पाकिस्तान और चीन की सामरिक साझेदारी को लेकर भारत और अमेरिका दोनों को सतर्क रहना होगा।