Bareilly News: सीनियर डॉक्टर ने ऑपरेशन करने से किया मना, जूनियर डॉक्टर ने बचाई जच्चा-बच्चा की जान
Bareilly News: उत्तर प्रदेश सरकार चाहे कितना भी जोर लगा ले। बरेली महिला अस्पताल की हालत सुधारने वाली नहीं है। यहां पर वरिष्ठ डाक्टरों ने काम करना लगभग छोड़ ही दिया है। सारी जिम्मेदारी जूनियर डॉक्टर पर डाल दी है।
ऐसा ही एक मामला बरेली की जिला महिला अस्पताल में तैनात स्टाफ नर्स नेहा वर्मा के साथ हुआ। गर्भवती महिला रात 11:00 तड़पती हुई महिला अस्पताल पहुंची। वहां पर मौजूद ईएमओ डॉक्टर फरहाना ने उनको भर्ती किया। उनसे इंतजार करने को कहा। डॉक्टर शम्मी की ड्यूटी थी। उनको ऑपरेशन के लिए आना था। नेहा वर्मा की हालत बिगड़ती गई। जच्चा-बच्चा की जान को खतरा हो गया था। डॉक्टर शम्मी को बुलाया तो उन्होंने ड्यूटी पर आने से मना कर दिया। उन्होने कहा कि मैं कल दिन में करूंगी। आज नहीं करूंगी। डॉ मीनाक्षी ओटी इंचार्ज हैं। उनको कॉल किया तो वह भी ड्यूटी पर नहीं आई। डॉक्टर फरहाना ने सीएमएस को मामले की जानकारी दी। नेहा का सफल ऑपरेशन किया। उन्होंने जच्चा बच्चा की जान बचाई। अस्पताल के स्टाफ का कहना है कि महिला अस्पताल में लापरवाही दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। सुबह 12: बजे तक कोई राउंड नहीं लेता है। न ही कोई मरीजों की सुध ली जाती है। जब कोई मरीज ज्यादा किसी बात को कहता है तो उसकी छुट्टी कर दी जाती है। खुद सीएमएस बैठकर स्थिति को संभालती हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो महिला अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर बेकाबू हो गई है। डाॅॅक्टर सीएमएस की भी नहीं सुनते। डॉक्टर फरहाना समय पर नेहा वर्मा का ऑपरेशन नहीं करती। जच्चा बच्चा दोनों की जान का खतरा था। जिम्मेदारी समझते हुए नेहा का ऑपरेशन किया। नेहा वर्मा और उसका बच्चा दोनों स्वस्थ है। डॉक्टर फरहाना को धन्यवाद देती हैं कि उन्होंने जच्चा-बच्चा की जान बचाई है। डॉक्टर फरहाना का कहना है कि वह खुद ऑपरेशन करने में सक्षम है। जब सीनियर डॉक्टर नहीं आ रहे हैं। ड्यूटी पर तो मरीज को ऐसा तड़पता नहीं देख सकती। मुझे ऑपरेशन करना पड़ा। सीएमएस डॉ अलका शर्मा का कहना है कि मैं इसमें क्या बोलूं। जिसने किया है, उसने स्थिति को संभाला है।
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