राम मंदिर के मुख्य शिखर पर कलश की स्थापना, सीएम योगी ने बताया ‘नए भारत’ की दिशा में ऐतिहासिक कदम
राम मंदिर निर्माण में ऐतिहासिक प्रगति—मुख्य शिखर पर कलश स्थापना के साथ नए भारत की सांस्कृतिक विरासत को मिला नया आयाम।

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण ने आज एक और ऐतिहासिक पड़ाव पार कर लिया। सोमवार 14 अप्रैल को वैशाखी और डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के पावन अवसर पर मुख्य शिखर पर विधिवत वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कलश की स्थापना सम्पन्न हुई। यह शुभ कार्य सुबह 9:15 बजे आरंभ हुआ और 10:30 बजे तक पूर्ण कर लिया गया।
🎉 पूरे अयोध्या में जश्न का माहौल
स्थानीय जनता के साथ-साथ श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया। पूरा अयोध्या आज उत्सव के रंग में रंगा नजर आया। मंदिर शिखर पर कलश स्थापना को लेकर भक्तों ने इस क्षण को “ऐतिहासिक” और “सदियों का सपना पूर्ण होने की ओर अग्रसर” बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताई प्रसन्नता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताई और इसे भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा:
“राम मंदिर का निर्माण करोड़ों देशवासियों की आस्था और संकल्प का परिणाम है। यह भारत की सनातन संस्कृति को वैश्विक मंच पर और सशक्त करेगा।”
योगी ने ट्रस्ट, शिल्पकारों और सभी निर्माण कार्य से जुड़े लोगों की सराहना करते हुए कहा कि अयोध्या को विश्वस्तरीय तीर्थ स्थल बनाने की दिशा में राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने दी जानकारी
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अब मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजदंड की स्थापना की प्रक्रिया शुरू होगी। मंदिर का निर्माण तेज़ी से प्रगति पर है, और जल्द ही प्रथम तल पर राजा राम, सप्तऋषि मंदिरों और परकोटे में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य भी शुरू होगा।
उन्होंने बताया कि जल्द ही निर्माण स्थल से भारी मशीनें हटाई जाएंगी और मंदिर परिसर की सुंदरता को निखारने का कार्य तेजी से आगे बढ़ेगा।
आस्था, श्रद्धा और समर्पण का संगम
राम मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारतीय जनमानस की सदियों पुरानी आस्था, संस्कृति और गौरव का प्रतीक है। अयोध्या के पुनरुद्धार से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक समरसता को भी नई दिशा मिलेगी।
🗣️ समापन संदेश:
मुख्य शिखर पर कलश स्थापना न केवल राम मंदिर निर्माण का एक तकनीकी पड़ाव है, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक भी है। भक्तों की प्रतीक्षा अब अंतिम चरणों में है, और जल्द ही श्रीराम के भव्य दरबार के दर्शन का सौभाग्य देशवासियों को मिलेगा।