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Mahashivratri: पर सतत 44 घंटे खुले रहेंगे महाकाल मंदिर के पट

Mahashivratri: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर सतत 44 घंटे मंदिर के पट खुले रहेंगे। पुजारी चार प्रहर पूजा-अर्चना करेंगे। भक्तों को चारधाम मंदिर के सामने से मंदिर में प्रवेश मिलेगा। पर्व के दौरान श्री महाकाल महालोक में दर्शनार्थी भ्रमण नहीं कर सकेंगे। इसका उपयोग केवल मंदिर पहुंच मार्ग के रूप में किया जाएगा। भीड़ प्रबंधन के तहत यह निर्णय लिया गया है।

मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया 17 फरवरी की रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। इसके बाद भगवान महाकाल की भस्म आरती होगी। तड़के 4.30 बजे से भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद 19 फरवरी की रात 11 बजे मंदिर के पट बंद होंगे। महाशिवरात्रि पर दोपहर 12 बजे तहसील की ओर से भगवान की पूजा होगी। दोपहर तीन से शाम छह बजे तक शनि प्रदोष का विशेष पूजन होगा। एकादश ब्राह्मण रुद्रपाठ करेंगे। इसके बाद होलकर व सिंधिया राजवंश की ओर से पूजा-अर्चना की जाएगी। शाम सात बजे संध्या आरती होगी तथा भगवान को गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जाएगा। रात 10 बजे से महानिशाकाल में भगवान महाकाल की महापूजा का क्रम शुरू होगा। रातभर पुजारी भगवान महाकाल की महापूजा करेंगे। इसके अंतर्गत भगवान का महापंचामृत अभिषेक होगा तथा भगवान महाकाल को शिव सहस्रनामावली से एक हजार बिल्वपत्र अर्पित किए जाएंगे।

रात्रिपर्यंत पूजा-अर्चना के बाद 19 फरवरी को तड़के चार बजे भगवान महाकाल को सप्तधान मुखारविंद धारण कराकर उनके शीश पर 51 किलो फूल व फलों से बना सेहरा सजाया जाएगा। सोने के आभूषणों से शृंगार होगा। मंदिर समिति की ओर से सेहरा धारण कराने वाले पुजारी को न्योछावर स्वरूप एक चांदी का सिक्का तथा चांदी का बिल्वपत्र भेंट किया जाएगा। इसके बाद सुबह छह बजे आरती होगी। सुबह 10.30 बजे तक भक्त भगवान के सेहरा दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद पुजारी भगवान के शीश से सेहरा उतारेंगे। पश्चात दोपहर 12 बजे साल में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती होगी। दोपहर दो बजे भस्म आरती होने के बाद 2.30 बजे भोग आरती होगी। इसी के साथ शिवरात्रि महोत्सव का समापन हो जाएगा।

इस रास्ते मंदिर में प्रवेश करेंगे दर्शनार्थी

भक्तों को चारधाम मंदिर के सामने जिगजेग से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। यहां से श्रद्धालु त्रिवेणी संग्रहालय के रास्ते श्री महाकाल महालोक से चलते हुए मानसरोवर द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे। परिसर में आने के बाद चार अलग-अलग द्वारों से कार्तिकेय व गणेश मंडप से भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे।

21 लाख दीप प्रज्वलित होंगे, मुख्यमंत्री आएंगे

महाशिवरात्रि पर शिव ज्योति अर्पणम के तहत मोक्षदायिनी शिप्रा के विभिन्न घाटों पर 21 लाख दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। दीपोत्सव में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी उज्जैन आएंगे तथा पांच दीप प्रज्वलित करेंगे। शहर के विभिन्न मंदिरों में दीपमालिका सजाई जाएगी।

दो हजार जवान संभालेंगे सुरक्षा की कमान

महाशिवरात्रि पर देशभर से सात लाख भक्तों के महाकाल दर्शन करने आने का अनुमान है। इसी लिहाज से सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। करीब दो हजार जवान सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालेंगे। आठ एएसपी, 25 डीएसपी तथा 45 टीआइ स्तर के अधिकारी तैनात रहेंगे।

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