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UP Lok Sabha Chunav 2024: बृजभूषण शरण सिंह का विकल्प बन सकते हैं अजय सिंह

कैसरगंज सीट पर जनता की पहली पसंद बन रहे अजय सिंह

प्रकाश सिंह

UP Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बजते ही देश में सियासी हलचल बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में एक अलग तरह का माहौल देखने को मिल रहा है। सभी दलों की निगाहें उत्तर प्रदेश पर टिकी हुई हैं, क्योंकि सबसे बड़ा राज्य होने के नाते ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है। वहीं उत्तर प्रदेश के गोंडा जनपद की कैसरगंज लोकसभा सीट यूपी ही नहीं पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। इसका कारण भी है कि यहां से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह को अपने पाले में लाने के लिए समाजवादी पार्टी समेत अन्य दल लगे हुए हैं। जबकि बीजेपी में अंदरखाने बृजभूषण शरण सिंह के विकल्प के तौर पर करनैलगंज से विधायक अजय सिंह के नाम पर विचार—विमर्श होने की बात सामने आ रही है।

बता दें अजय सिंह को बृजभूषण शरण सिंह का काफी करीबी माना जाता है। ऐसे में चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी अगर कैंसरगंज सीट से अजय सिंह को प्रत्याशी घोषित करती है तो बृजभूषण शरण सिंह की उनका विरोध नहीं करेंगे। वहीं जनता में अजय सिंह को लेकर अलग तरह की धारणा है। गोंडा की जनता अजय सिंह को जन सेवक के रूप में देखती है। जबकि बृजभूषण शरण सिंह की गिनती दबंग व बाहुबली नेताओं में होती है।

अजय सिंह ने पहली बार में जीता विधायकी

करनैलगंज विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक अजय सिंह की लोकप्रियता क्षेत्र में लगातार बढ़ती जा रही है। बिना किसी पद पर रहते हुए उन्होंने जो जनसेवा करके लोगों का विश्वास जीता है, उसका लाभ सक्रिय राजनीति में आने पर अब उन्हें मिल रहा है। गौरतलब है कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अजय सिंह पर भरोसा जताते हुए करनैलगंज से प्रत्याशी घोषित किया था। अजय सिंह पहली बार में ही रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल कर यहां दबाव—प्रभाव की राजनीति करने वालों को करारा जवाब दे चुके हैं।

अजय सिंह के नाम पर जनता की सहमति

कैसरगंज लोकसभा सीट बृजभूषण शरण सिंह की सीट बन चुकी है। ऐसी चर्चा है कि इस सीट से बृजभूषण के अलावा कोई और चुनाव जीत ही नहीं सकता। वहीं सूत्रों की मानें तो बीजेपी अगर यहां से अजय सिंह को प्रत्याशी घोषित करती है, तो इस बार कई रिकॉर्ड टूट सकते हैं। इसमें सबसे बड़ा रिकॉर्ड बृजभूषण शरण सिंह का खुद का होगा। क्योंकि वर्चस्व के चलते इस सीट पर उनके सामने कोई टिक नहीं पाता और इसी का नतीजा है कि वह यहां से छह बार सांसद चुने जा चुके हैं। यही गुरूर उनके सिंह चढ़कर बोला रहा है। तभी तो इतने विवादों के बावजूद भी बृजभूषण शरण सिंह अपने टिकट को लेकर अभी भी आश्वस्त नजर आ रहे हैं। वहीं क्षेत्रीय जनता की मानें तो वह दबंगई और गुंडई की राजनीति से मुक्ति चाहती है, और विकल्प के तौर पर अजय सिंह को अपना नेता भी मान चुकी है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी अगर अजय सिंह को यहां से प्रत्याशी घोषित करती है तो करनैलगंज की तरह कैसरगंज में बड़ा परिवर्तन हो सकता है।

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