लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में प्रशासनिक सेवा (UP PCS) की अधिकारी स्वाति शुक्ला (Swati Shukla) को सस्पेंड कर दिया है। स्वाति शुक्ला ने UP PCS परीक्षा में 17वीं रैंक हासिल की थी, पर हरदोई जिले में तैनाती के दौरान 71 अपात्र लोगों को अवैध रूप से जमीन के पट्टे देने का आरोप है। इस मामले में राजस्व निरीक्षक और लेखपाल को भी दोषी पाया गया है, जिनके खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
क्या है पूरा मामला?
हरदोई जिले में एसडीएम के पद पर तैनात स्वाति शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध तरीके से 71 अपात्र लोगों को जमीन के पट्टे आवंटित किए। यह घोटाला उनके हरदोई में अक्टूबर 2021 से फरवरी 2024 के बीच के कार्यकाल का है। मामला सामने आने के बाद सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर जांच के आदेश दिए हैं।
स्वाति शुक्ला का करियर
स्वाति शुक्ला का प्रशासनिक करियर अगस्त 2016 में बाराबंकी से शुरू हुआ, जहां उन्हें डिप्टी कलेक्टर के पद पर तैनात किया गया था। इसके बाद उन्होंने अक्टूबर 2017 में लखीमपुर खीरी जिले की एसडीएम के रूप में कार्यभार संभाला। स्वाति को उनके कार्य के लिए सराहा भी गया था, लेकिन हरदोई में उनके कार्यकाल के दौरान सामने आए घोटाले ने उनके करियर को विवादों में घेर लिया है।
हरदोई में जमीन घोटाला कैसे हुआ?
आरोपों के अनुसार, स्वाति शुक्ला ने हरदोई में एसडीएम रहते हुए जमीन के पट्टे ऐसे लोगों को आवंटित किए, जो पात्र नहीं थे। इस मामले में उनके साथ काम करने वाले राजस्व निरीक्षक और लेखपाल को भी दोषी पाया गया है, जिन्हें भी निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में स्थानीय प्रशासन और सरकार दोनों ही गंभीर हैं और उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है।
सरकार की सख्त कार्रवाई
स्वाति शुक्ला के सस्पेंशन के बाद यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है, जो यह देखेगी कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हैं। इस घटना ने यूपी की प्रशासनिक सेवा में पारदर्शिता और ईमानदारी पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यह कार्रवाई यूपी सरकार के उस संदेश को भी स्पष्ट करती है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह कितने ही ऊंचे पद पर क्यों न हो।
प्रशासनिक सेवा में एक झटका
स्वाति शुक्ला का करियर, जिसने एक समय में चमकते हुए शुरुआत की थी, अब गंभीर संकट में है। PCS परीक्षा में 17वीं रैंक हासिल करने के बाद, Swati को एक काबिल और प्रतिभाशाली अधिकारी के रूप में देखा जाता था। लेकिन इस घोटाले में नाम आने के बाद, उनके करियर पर सवाल खड़े हो गए हैं।
NEWS SOURCE Credit : lalluram