दलित, शोषित और वंचितों के लिए नई उम्मीदों का दौर बना योगी का कार्यकाल
बाबा साहब के सपनों को साकार करती योगी सरकार – शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक फैसले

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही सरकार ने सामाजिक न्याय के क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए हैं। भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों को मार्गदर्शक मानते हुए, सरकार ने न केवल अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदायों के विकास के लिए ठोस योजनाएं लागू कीं, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से भी जोड़ने का कार्य किया है।
6 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से ऊपर
पिछले 8 वर्षों में योगी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की बदौलत उत्तर प्रदेश में 6 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। यह उपलब्धि सामाजिक न्याय की दिशा में एक मील का पत्थर है, जिससे दलित, शोषित और वंचित वर्गों को नया जीवन मिला है।
SC/ST बच्चों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
डॉ. अंबेडकर ने कहा था कि “शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वह दहाड़ेगा।” इस विचार को आत्मसात करते हुए योगी सरकार ने SC/ST समुदाय के बच्चों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
महत्वपूर्ण पहलें:
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छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) की राशि में अभूतपूर्व वृद्धि।
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थारू, कोल और मुसहर जैसी जनजातियों के बच्चों को विशेष शैक्षणिक लाभ।
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मुफ्त किताबें, यूनिफॉर्म और स्टेशनरी उपलब्ध कराना।
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प्रत्येक मंडल में अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना।
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57 जनपदों में मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय, फिर सभी 350 तहसीलों और 825 विकास खंडों में विस्तार की योजना।
इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल शिक्षा देना है, बल्कि शिक्षा के जरिए सामाजिक समानता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना भी है।
रोज़गार और स्वरोजगार में नए अवसर
योगी सरकार ने रोजगार के क्षेत्र में भी SC/ST समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेक योजनाएं लागू की हैं।
प्रमुख योजनाएं:
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मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना: उद्योग व सेवा क्षेत्र में 25 लाख तक का ऋण और 25% सब्सिडी।
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अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से बिना ब्याज ऋण और अनुदान।
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बाबा साहब अंबेडकर रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत स्वरोजगार को बढ़ावा।
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दुकान, सिलाई, लांड्री, पशुपालन जैसे व्यवसायों के लिए विशेष सहायता।
इन योजनाओं से हजारों युवाओं को स्वरोजगार मिला है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सके हैं।
आवास और बुनियादी सुविधाओं में ऐतिहासिक काम
योगी सरकार ने SC/ST परिवारों के लिए बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दी है।
प्रमुख उपलब्धियां:
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भूमिहीनों को जमीन का पट्टा दिया गया।
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प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पक्के घर।
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1.86 करोड़ उज्ज्वला गैस कनेक्शन, जिससे महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली।
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5 करोड़ आयुष्मान भारत कार्ड, जिससे मुफ्त इलाज की सुविधा मिली।
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राशन और पेंशन कार्ड के तहत योजनाओं से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा गया।
सामाजिक सुरक्षा और अत्याचार रोकथाम में सख्ती
दलित और आदिवासी वर्गों पर अत्याचार रोकने के लिए योगी सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं।
महत्वपूर्ण प्रावधान:
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SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पीड़ितों को ₹22,500 से ₹8,25,000 तक की आर्थिक सहायता।
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नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू किया गया।
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पुलिस प्रशासन को संवेदनशील बनाते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश।
संस्कृति संरक्षण और बुजुर्गों की सेवा
सरकार केवल आर्थिक विकास पर ही नहीं, बल्कि समुदाय की पहचान और संस्कृति को बचाने पर भी ध्यान दे रही है।
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लखनऊ में जनजातीय संग्रहालय के लिए बजट स्वीकृत।
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थारू, मुसहर, सहरिया जनजातियों की पहचान को सहेजने वाली योजनाएं।
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वृद्धाश्रमों में SC/ST बुजुर्गों को मुफ्त भोजन, चिकित्सा और सम्मानजनक जीवन।
✍️ निष्कर्ष:
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय को केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक क्रांतिकारी अभियान के रूप में लागू किया है। बाबा साहब अंबेडकर के सपनों को साकार करते हुए दलित, शोषित और वंचित वर्गों के लिए शिक्षा, रोजगार, आवास और सम्मान का नया युग शुरू हुआ है। यह परिवर्तन न केवल आंकड़ों में है, बल्कि जमीनी स्तर पर हर उस चेहरे की मुस्कान में झलकता है, जिसे समाज ने अब तक नजरअंदाज किया था।