विचार
poem: जन्मदाता
कैसे तन्हा घुट-घुट करके,
जीवन अपना काटा है!
दर्द छुपाके दिल में हमने,
हर खुशियों को बांटा है!!
आज भले तुम मुँह मोड़ो,
पर”कल आएगा याद तुम्हें!
कौन करेगा इतना निश्छल,
प्यार हमारे बाद तुम्हें ?!
तेरी एक ख़ुशी के ख़ातिर,
सब कुछ तो क़ुर्बान किया!
निज जीवन को तोड़,जोड़कर,
जन्म, जहाँ, मुस्कान दिया!!
अंगुली पकड़ पकड़ के जिसने,
चलना तुम्हें सिखाया!
भूल गए उन कंधों को ही,
जो दुनिया दिखलाया!!
जिस दिन उम्र ढलेगी प्यारे,
होगी विदा जवानी!
जन्म और दाता की होंगी,
यादें मुख्य कहानी!!
याद बहुत आएगी सून लो,
थपकी लोरी गीत तुम्हें!
कौन करेगा दुनिया में,
माँ बाप से ज़्यादा प्रीत तुम्हे!!
रचनाकार अरविंद शर्मा अजनबी
लखनऊ उत्तरप्रदेश