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ISS से सुनीता विलियम्स की वापसी कब: पृथ्वी लौटने पर क्या होंगी मुश्किलें, देखने-चलने तक में क्यों आएगी दिक्कत?

सुनीता विलियम्स की वापसी तय, ISS से पृथ्वी लौटने पर किन दिक्कतों का करना होगा सामना?

भारतीय : मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर पिछले 9 महीनों से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद हैं। अब नासा ने उनकी पृथ्वी वापसी की योजना को अंतिम रूप दे दिया है।

कब लौटेंगी सुनीता विलियम्स? नासा के अनुसार, स्पेसएक्स का क्रू-10 मिशन 15 मार्च 2025 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया और 16 मार्च को ISS पर डॉक कर गया। अब उनकी वापसी की संभावित तारीख 19 मार्च 2025 तय की गई है।

क्यों हुई इतनी देरी? विलियम्स और उनके साथी को पहले ही लौटना था, लेकिन तकनीकी दिक्कतों और नए क्रू की सुरक्षित तैनाती में लगने वाले समय के कारण यह देरी हुई। अब उनके लौटने का रास्ता साफ हो गया है।

धरती पर लौटने के बाद की चुनौतियाँ लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण माइक्रोग्रैविटी का असर शरीर पर पड़ता है। इसकी वजह से सुनीता विलियम्स को हड्डियों की कमजोरी, मांसपेशियों की थकान, संतुलन बनाने में कठिनाई और रक्तचाप की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, पृथ्वी पर लौटने के बाद सुनीता को कुछ समय तक चलने-फिरने में दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा, उनका शरीर धरती के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने में कुछ हफ्ते या महीने का समय ले सकता है।

नासा ने किए खास इंतजाम नासा ने इस चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया के लिए विशेष पुनर्वास कार्यक्रम तैयार किए हैं। इस कार्यक्रम के तहत सुनीता और उनके साथी की मेडिकल स्क्रीनिंग, फिजियोथैरेपी और रिकवरी प्लान पर काम किया जाएगा।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी में रहने से शरीर की हड्डियों की घनत्व में 1-2% की कमी आ सकती है। इससे हड्डियों में कमजोरी और ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन (रक्तचाप में गिरावट) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

नासा के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सुनीता विलियम्स के लिए विशेष देखभाल योजना बनाई है, जिससे वह जल्द ही सामान्य स्थिति में लौट सकें।

अंतरिक्ष में रिकॉर्ड बनाने वाली सुनीता विलियम्स सुनीता विलियम्स 2007 में सबसे ज्यादा स्पेसवॉक करने वाली पहली महिला बनी थीं। उन्होंने अब तक 50 घंटे से ज्यादा का स्पेसवॉक किया है और अंतरिक्ष में 300 से अधिक दिन बिता चुकी हैं। उनकी यह अंतरिक्ष यात्रा एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जोड़ने जा रही है।

अब पूरे विश्व की नजरें उनकी सुरक्षित वापसी पर टिकी हैं।

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