UP: धमाके से कांपी धरती… आसमान से खेत में गिरी भारी भरकम चीज, बरेली में हुई ऐसी घटना, अचंभित रह गए लोग
बॉयलर ब्लास्ट से मचा हड़कंप, खेतों में मची भगदड़, फायर सेफ्टी सिस्टम फेल, विशेषज्ञ की गैरमौजूदगी में हो रही थी टेस्टिंग

बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बिशारतगंज थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह जिंदल ग्रुप के नवनिर्मित एथनॉल प्लांट में जोरदार धमाके से हड़कंप मच गया। बॉयलर फटने से इतनी जोरदार आवाज हुई कि धरती कांप गई, आसमान में धुंआ भर गया और प्लांट में आग लग गई।
धमाके की गूंज, खेत में गिरी लोहे की कैप
सुबह 11 बजे हुए धमाके के बाद प्लांट की बॉयलर कैप हवा में उड़कर करीब 400 मीटर दूर गेहूं के खेत में जा गिरी। इस दौरान खेतों में काम कर रहे किसान कुंभकरण घायल हो गए। गांव इस्माइलपुर में कई घरों की दीवारें तक हिल गईं।
फायर ब्रिगेड की 7 गाड़ियों ने पाया आग पर काबू
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एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बरेली व आंवला की दमकल इकाइयों ने पहुंचकर घंटों की मशक्कत के बाद आग बुझाई।
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पास में बने एथनॉल टैंकों को भी ठंडा किया गया ताकि और धमाका न हो।
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फायर सेफ्टी सिस्टम पूरी तरह फेल रहा – बैटरी डिस्चार्ज और सिलेंडर बेअसर।
दो मजदूर झुलसे, प्रबंधन गायब
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पांडी गांव के आदेश और चंद्रेश हादसे में झुलस गए, जिनका निजी अस्पताल में इलाज जारी है।
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घटना के वक्त कोई एक्सपर्ट मौजूद नहीं था, मजदूरों ने बताया।
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प्लांट मैनेजर अमन तिवारी का बयान – “ब्लोइंग टेस्टिंग चल रही थी, हादसा कैसे हुआ जांच चल रही है।”
सुरक्षा और एनओसी पर उठे सवाल
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एनओसी की स्थिति स्पष्ट नहीं है, अग्निशमन विभाग ने रिकॉर्ड मांगा है।
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फायर सेफ्टी कर्मचारी घटना के बाद फरार हो गया, गेट बंद था, कर्मचारी दीवार फांद कर भागे।
खेतों में लगी फसल बाल-बाल बची
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बॉयलर कैप के खेतों में गिरने से बड़ी आग की संभावना बनी रही।
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किसान कुंभकरण बोले – “अगर आग लग जाती तो सैकड़ों बीघा फसल जल जाती।”
निष्कर्ष:
बरेली के इस हादसे ने एक बार फिर औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों की पोल खोल दी है। फायर सेफ्टी सिस्टम की विफलता, एक्सपर्ट की गैरमौजूदगी और एनओसी की स्थिति पर जांच जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
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