उत्तर प्रदेश

‘बेटी के कातिल पर चला बुलडोजर’: लखनऊ में दर्दनाक मर्डर केस के बाद प्रशासन की सख्त कार्रवाई

उत्तर प्रदेश : के लखनऊ में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही एक युवती की उसके प्रेमी ने निर्ममता से हत्या कर दी। युवती के परिवार की गुहार और जनआक्रोश के बाद प्रशासन ने आरोपित के घर पर बुलडोजर चलाकर कड़ी कार्रवाई की है।


👩‍🎓 पुलिस अफसर बनने का सपना और बीच रास्ते टूटी जिंदगी

युवती बीकॉम कर चुकी थी और पुलिस सेवा में जाने का सपना देख रही थी। रोज़ की तरह वह घर से कोचिंग के लिए निकली थी, लेकिन इस बार वह लौटकर नहीं आई। परिजनों के अनुसार वह पढ़ाई में तेज और बेहद जिम्मेदार थी। मां ने रोते हुए कहा—

“मेरी बेटी हमारे बुढ़ापे की लाठी थी, उस दरिंदे ने हमारे सपनों को कुचल दिया।”


🕵️‍♂️ प्रेम-प्रसंग बना जानलेवा, हत्या के बाद वीडियो वायरल की धमकी

पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी युवक के साथ युवती का पहले प्रेम-प्रसंग था। लेकिन जब युवती ने उससे दूरी बनानी शुरू की, तो आरोपी ने धोखे से बुलाकर उसकी हत्या कर दी। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।


🏗️ बुलडोजर कार्रवाई: अवैध निर्माण पर चला प्रशासन का हथौड़ा

घटना के बाद यूपी प्रशासन ने तत्काल एक्शन लेते हुए आरोपी के घर को अवैध निर्माण मानते हुए ध्वस्त कर दिया।

“प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे”, — पुलिस अधिकारी

यह कार्रवाई सीएम योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ का हिस्सा बताई जा रही है।


📸 मां की पीड़ा: ‘हमारी बेटी को न्याय मिले’

विधवा मां का रुदन पूरे इलाके को भावुक कर गया। उन्होंने कहा—

“हमारी बेटी पढ़-लिखकर अफसर बनना चाहती थी। हमने उसे कोचिंग भेजा था, न कि किसी दरिंदे के पास।”


🛑 महिला सुरक्षा को लेकर फिर उठे सवाल

इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा, प्रेम-प्रसंग के नाम पर हो रहे अपराध और सामाजिक चेतना पर सवाल खड़े किए हैं। यूपी पुलिस की तेजी से कार्रवाई को सराहा जा रहा है, लेकिन यह घटना बताती है कि महज कार्रवाई काफी नहीं, समाज को भी सजग होना पड़ेगा।


निष्कर्ष:

यह केस सिर्फ एक मर्डर नहीं, बल्कि सपनों की हत्या है। एक होनहार लड़की का जीवन एक मानसिक रूप से विकृत युवक की वजह से खत्म हो गया। प्रशासन की सख्ती सराहनीय है, लेकिन आवश्यकता है कि समाज, पुलिस और शासन तीनों मिलकर महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने की दिशा में ठोस और स्थायी कदम उठाएं।

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