उत्तर प्रदेश में दलित उत्थान की दिशा में योगी सरकार की योजनाएं: समता, सम्मान और सशक्तिकरण की ओर
दलित बहुल ग्राम पंचायतों में आवास, बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हुआ है।

मुख्य बिंदु:
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योगी सरकार ने दलितों के लिए शिक्षा, स्वरोजगार, सामाजिक सुरक्षा और सम्मान में ऐतिहासिक विस्तार किया है।
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दलित बहुल ग्राम पंचायतों में आवास, बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हुआ है।
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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत दलित, पिछड़े वर्गों को सबसे अधिक लाभ मिला है।
विस्तृत विवरण:
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दलित उत्थान की दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की गई हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य सामाजिक न्याय के आदर्शों को साकार करना और दलित समाज को आत्मनिर्भर बनाना है।
शिक्षा के क्षेत्र में पहल:
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अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 100 सर्वोदय विद्यालयों की स्थापना की गई है, जिनमें 60% सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
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इन विद्यालयों में 2.65 लाख बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, यूनिफॉर्म, किताबें, स्टेशनरी और टैबलेट जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
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जय प्रकाश नारायण सर्वोदय (बालिका) विद्यालय में जेईई और नीट के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है।
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अनुसूचित जाति के छात्रों को पूर्वदशम और दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
स्वरोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण:
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उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से 1.08 लाख दलित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है।
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करीब 1.20 लाख दलितों को 955.49 करोड़ रुपये की ऋण सहायता प्रदान की गई है, जिसमें अधिकांश लाभार्थियों को 50% अनुदान के साथ लोन मिला है।
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प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 1,951 दलित बहुल गांवों में 93,400 विकास कार्य कराए गए हैं, जिससे लगभग 19 लाख वंचितों को लाभ मिला है।
सामाजिक सुरक्षा और सम्मान:
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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अब तक 2.20 लाख से अधिक दलित परिवारों की बेटियों की शादी कराई गई है।
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पिछड़े वर्ग के 1.30 लाख और अल्पसंख्यक वर्ग के 40,000 से अधिक परिवार इस योजना के लाभार्थी बने हैं।
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दलित बहुल ग्राम पंचायतों में आवास, बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया गया है।
नवाचार और सांस्कृतिक पहल:
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योगी सरकार ने महापुरुषों के नाम पर 10 नई योजनाएं शुरू की हैं, जो सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का प्रयास हैं
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इनमें माता शबरी के नाम पर कृषि मंडियों में कैंटीन और विश्रामालय, संत रविदास के नाम पर चर्मोद्योग पार्क, और रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर मेधावी छात्राओं को स्कूटी योजना शामिल हैं।
निष्कर्ष:
योगी सरकार की ये योजनाएं बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इन योजनाओं के माध्यम से दलित समाज को शिक्षा, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और सम्मान के क्षेत्र में सशक्त बनाया जा रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश में समता और समरसता की भावना को बढ़ावा मिल रहा है।