उत्तर प्रदेश

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार सख्त, पाक नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश — सीमा हैदर को राहत

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों पर सख्ती बढ़ाई, लेकिन सीमा हैदर को फिलहाल राहत।

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश जारी किया है। इस सख्त कार्रवाई के तहत अब उन सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से वापस भेजा जा रहा है, जो विभिन्न कारणों से यहां रह रहे थे।

हालांकि, सूत्रों के अनुसार, सीमा हैदर का नाम उन व्यक्तियों की सूची में शामिल नहीं है, जिन्हें पाकिस्तान वापस भेजा जाना है।

सीमा हैदर को क्यों नहीं भेजा जा रहा वापस?

नेपाल के रास्ते भारत में अवैध रूप से दाखिल हुई सीमा हैदर का मामला पिछले वर्ष सुर्खियों में आया था जब वह नोएडा निवासी सचिन मीणा से प्रेम विवाह करने के बाद यहां रहने लगी।

नोएडा पुलिस ने स्पष्ट किया है कि सीमा के खिलाफ अभी तक केंद्र सरकार की ओर से कोई विशेष निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही कोई आदेश प्राप्त होगा, आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार की सख्ती क्यों?

केंद्र सरकार ने यह निर्णय पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया है, जिसमें पाक प्रायोजित आतंकियों की भूमिका सामने आई है। हमले के बाद भारत में रह रहे पाक नागरिकों पर निगरानी बढ़ा दी गई है और उनकी गतिविधियों की जांच शुरू हो गई है।

क्या है सुरक्षा एजेंसियों का रुख?

सूत्रों के मुताबिक, IB और RAW जैसी एजेंसियां पहले से ही उन पाकिस्तानी नागरिकों की गतिविधियों पर नजर रख रही थीं जो बिना उचित दस्तावेज़ या संदिग्ध परिस्थितियों में भारत में रह रहे हैं। ऐसे सभी नागरिकों को सूचीबद्ध कर अब निर्वासन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सीमा हैदर पर सोशल मीडिया की निगाहें

सोशल मीडिया पर सीमा हैदर को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है। कई यूज़र्स सवाल उठा रहे हैं कि यदि सरकार पाक नागरिकों पर कार्रवाई कर रही है तो सीमा हैदर को क्यों बख्शा जा रहा है। वहीं कुछ लोग इसे मानवता का मामला बताते हुए राहत देने की वकालत कर रहे हैं।


निष्कर्ष:

पहलगाम हमले ने एक बार फिर भारत-पाक संबंधों को गर्मा दिया है और देश की सुरक्षा एजेंसियों को सख्त निर्णय लेने पर मजबूर किया है। जहां सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के निर्देश दिए जा रहे हैं, वहीं सीमा हैदर जैसे मामलों में सरकार की नीति पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

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