उत्तर प्रदेश

आगरा कमिश्नरेट में बेखौफ बदमाशों का आतंक: 10 दिन में दो मर्डर, चार फायरिंग और लूट की वारदातें, पुलिस पर उठे सवाल

आगरा : उत्तर प्रदेश के आगरा कमिश्नरेट क्षेत्र में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। पिछले 10 दिनों में दो हत्याएं, चार से अधिक फायरिंग और लूट की वारदातों ने पुलिस की सक्रियता और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेष रूप से सिकंदरा क्षेत्र में सात दिनों के भीतर दो बड़ी आपराधिक घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।


दिनदहाड़े गोलीकांड से थर्राया शहर

सबसे चौंकाने वाली घटना 26 अप्रैल को कारगिल चौराहा के पास घटी, जहां बाइक सवार बदमाशों ने दिनदहाड़े एक युवक को गोली मार दी। चश्मदीदों के अनुसार, हमलावरों ने बिना किसी डर के युवक पर गोलियां बरसाईं और फरार हो गए। घायल युवक को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बाद में उसकी मौत हो गई।


7 दिन में सिकंदरा में दूसरी वारदात

सिकंदरा थाना क्षेत्र में 7 दिनों में दूसरी बार अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया है। पिछली घटना में एक व्यापारी को लूटने के प्रयास में फायरिंग की गई थी, जिसमें वह बाल-बाल बच गया। इलाके के लोगों का कहना है कि रात होते ही असामाजिक तत्व सक्रिय हो जाते हैं और पुलिस की गश्त नाममात्र की है।


10 दिन में दो मर्डर, आधा दर्जन से ज्यादा घटनाएं

कमिश्नरेट बनने के बावजूद अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पिछले 10 दिनों में:

  • 2 मर्डर
  • 4 फायरिंग की घटनाएं
  • लूट और छिनैती की आधा दर्जन वारदातें

इनमें से ज्यादातर मामलों में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे आम जनता का पुलिस से भरोसा कमजोर पड़ता दिख रहा है।


पुलिस प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों और व्यापारियों का कहना है कि कमिश्नरेट व्यवस्था के बाद भी अपराध नियंत्रण में विफलता साफ देखी जा सकती है। पुलिस की प्रतिक्रिया समय में कमी और गश्त में ढिलाई के कारण अपराधी निडर होकर वारदातें कर रहे हैं।

एक स्थानीय दुकानदार ने कहा:

“अब तो हमें अपने कारोबार के लिए भी डर लगता है। पुलिस सिर्फ मौके पर पहुंचने तक सीमित रह गई है, न तो गश्त है और न ही अपराधियों पर शिकंजा।”


एसएसपी ने कहा – अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी

इन घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने कहा:

“सभी मामलों की गहन जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। अपराधियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”


निष्कर्ष: कमिश्नरेट प्रणाली की साख दांव पर

लगातार हो रही आपराधिक वारदातें आगरा कमिश्नरेट की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही हैं। जनता को सुरक्षा का अहसास कराने के लिए पुलिस को तत्काल ठोस कदम उठाने होंगे—चाहे वह गश्त की बढ़ोतरी हो, सीसीटीवी नेटवर्क का विस्तार हो या अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई।

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