Dearness Story: महंगाई में कैद आम आदमी
शैलेंद्र कुमार यादव
Dearness Story:- आज देश का आम आदमी महंगाई (Dearness Story) से त्रस्त है सच तो यह है कि मूल्य वृद्धि ने आम आदमी का जीना दूभर कर दिया है क्योंकि हम लोग कृषि प्रधान देश में रहते हैं और देश की लगभग 70% आबादी कृषि से जुड़ी हुई है
भारत में महंगाई के कारण
भारत में महंगाई के बढने के अनेक कारण हैं जैसे उत्पादों की कम आपूर्ति होना, वस्तुओं और उत्पादों की कालाबाजारी करना, वस्तुओं और उत्पादों की कीमत बढ़ा देना, आदि । महंगाई की समस्या हमारे ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की एक बहुत ही गंभीर समस्या बन गयी है जो लगातार (Dearness Story) बढती जा रही है। भारत में महंगाई के बढने के और एक कारन है देश की जनसँख्या बढ़ना। तरह से देश की जनसंख्या बढ़ रही है उस तरह से फसलों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। कथा रोजगार का सृजन भी नहीं हो पा रहा है जिससे आम आदमी को बहुत ही बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है बड़े उद्योगपतियों द्वारा मुनाफाखोरी और कालाबाजारी तथा जमाखोरी से भी महंगाई बढ़ती जा रही है एक कहानी के माध्यम से किसान आदमी को होने वाली समस्या को प्रस्तुत कर रहा हूं एक गांव में दीनानाथ नाम का एक आदमी अपने परिवार के साथ निवास करता था वह बहुत ही कम पढ़ा लिखा था उसके परिवार में उसके माता-पिता के अलावा 4 बच्चे भी थे जिनमें तीन बेटियां वा एक बेटा था दीनानाथ पेशे से किसान था (Dearness Story) तथा अपने बाप दादाओं की लगभग 5 बीघा जमीन पर खेती बाड़ी का काम करता था तथा घर चलाने के लिए मजदूरी का काम भी किया करता चौक परिवार में 8 सदस्य थे जिससे इतनी खेती में भरण पोषण आना मुश्किल था दीनानाथ बच्चों को पढ़ाना लिखा भी चाहता था बच्चे अभी गांव के प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे थे प्राइमरी स्कूल में बच्चों को कुछ भी पढ़ाया लिखाया नहीं जाता ऐसा तब लगता जब शहरों से पढ़ कर आए बच्चे छुट्टियों में गांव आते और बच्चों से पढ़ाई के बारे में पूछते दीनानाथ अपने बच्चो को पढ़ाने के लिए बहुत सोचता लेकिन (Dearness Story) क्या करे शहरो में को शिक्षा को व्यापार जो बना लिया महंगी शिक्षा ऊपर से बढ़ती महंगाई से परिवार को दो वक्त की रोटी भी खिला पाना मुश्किल हो गया इतनी कम खेती में गुजारा कैसे करें दीनानाथ दिन भर मजदूरी करता और साम को वही 250रूपए मजदूरी मिलती बाजार जाता सब्जी लाने के लिए और सब्जी का भाव पूछता तो चौक जाता हर बार उसको सब्जी के बड़े दाम मिलते बेटी ने कहा पापा पापा 1 किलो प्याज लेते आना तथा हरी धनिया टमाटर मटर पिछले 1 महीने से इन चीजों की खुशबू सूंघने तक को नहीं मिली दीनानाथ कुछ ना कुछ बहाना बताकर उसको मना कर देता लेकिन अब उसका भी मन कर रहा था कि धनिए और प्याज की खुशबू के लिए लेकिन बाजार में जैसे इन चीजों का दाम पूछा
आसमान छू रहा हैं सभी का दाम
दो सौ तीन सौ रुपए कमाने वाला आदमी 200*300 की सब्जी कहा से ले सूखे फलों और फलों से तो पूरे परिवार का कई महीनों से सामना हुआ था बढ़ती महंगाई महंगाई से दीनानाथ को घर चलाना मुश्किल पड़ रहा था दीनानाथ को कपड़े खरीदे हुए 4वर्ष हो चुके थे जो अब कई जगह से फट गए थे आखिरकार रात में चौकीदारी करने की ड्यूटी दीनानाथ ने ढूंढ ली और5100 ही सैलरी देने को तैयार हुए लेकिन दीनानाथ क्या करता वह बेबस उसने कितने रुपए में ही काम करना स्वीकार कर लिया परंतु बढ़ती महंगाई में इसका खर्च चल पाना परी बहुत मुश्किल हो गया आखिरकार दीनानाथ अपने मां बाप से अलग रहने लगा उसके माता-पिता को बीमारी हो गई जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई गांव वालों द्वारा दीनानाथ से उनके अंतिम संस्कार के बाद शांति भोज करने के लिए कहा गया (Dearness Story) ऐसा गांव में लगभग सभी लोग करते थे आखिरकार दीनानाथ ने अपने माता-पिता की तेरवी के लिए गांव के जमीदार से ₹20000 का कर्ज ले लिया जो बाद में 2बीघा ज़मीन बेचकर ही चुकता कर पाया बच्चे भी अब अपनी पढ़ाई लिखाई बंद करके कोई छोटा मोटा काम करने लगे थे दीनानाथ अपनी बेबसी खून के घूट पीकर रहा गया था हमारे देश में करोड़ों लोग दीनानाथ के जैसा अपनी गरीबी बेबसी लाचारी में बच्चों को पढ़ाने लिखाने उनकी परवरिश करने में असफल हो रहे हैआजकल हर व्यक्ति चाहे वह गांव में रह रहा हो, या शहर में। यही कहता मिलता है कि आधुनिक समय में जीवनयापन करना बड़ा मुश्किल हो चला है। क्यूंकि वस्तुओं के दाम इतने बढ़ गए हैं कि गरीब और मध्यमवर्गीय व्यक्ति की मंहगाई के कारण कमर टूट गई है एक बार जिस वस्तु के दाम बढ़ जाते हैं, वह नीचे आने का नाम ही नहीं लेते हैं। ऐसे में आज घर में प्रयोग होने वाली हर छोटी से लेकर बड़ी चीज का दाम बढ़ गया है, ऐसे में चाहे अनाज, दूध, सब्जी, कपड़ा, दवाई, किताबें हो, हर किसी के दाम आसमान छूने लगे हैं। इतना ही नहीं जिन वस्तुओं के मूल्य बढ़ जाते हैं, कभी कभी तो वह वस्तु बाज़ार से गायब ही हो जाती है। ऐसे में कुछ व्यापारी कालाबाजारी करके उन वस्तुओं को अधिक मूल्य पर बेचकर मुनाफा कमाने में लगे हुए हैं। मंहगाई के बढ़ने का कारण सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर वस्तुएं सुलभ नहीं हो पाती हैं। जिसके पीछे बढ़ती जनसंख्या, लोगों की निम्न आमदनी और जमाखोरी आदि मुख्य कारक है। साथ ही आज व्यापारी वर्ग को बस एक मौका चाहिए वस्तुओं के दाम बढ़ाने के। फिर चाहे कभी सरकारी कर हो, रेल भाड़ा बढ़ा हो, किसी प्रकार की हड़ताल इत्यादि बताकर लाभ कमाने के चलते वह अधिक कीमतों पर माल बेच रहे हैं। इतना ही नहीं व्यापारियों के अधिक लाभ कमाने की होड़ में अब अधिक पैसे देने के बाद भी ग्राहक को शुद्ध सामान की प्राप्ति नहीं होती है। तो वहीं उच्च वर्ग की क्रय शक्ति के बढ़ने के कारण भी वस्तुओं के दाम बढ़ने लगे है। जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है। जिस तरह से भारत की जनसंख्या बढ़ रही है, उस हिसाब से उत्पादन ना होने के चलते भी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। इतना ही नहीं सरकार जिस वस्तु के मूल्य स्थिर रखने की घोषणा करती है, अगले दिन उसी के दाम बढ़े हुए मिलते है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है भारत में बढ़ती पेट्रोल की कीमतें और बाज़ार में बढ़ते प्याज के दाम। साथ ही कहीं ना कहीं (Dearness Story) विकासशील देश होने के कारण हमें अधिकतर वस्तुओं के आयात के लिए अंतरराष्ट्रीय देशों पर निर्भर रहना होता है। किसी भी तरह की अपातकालीन परिस्थितियों में आयात किए गए माल की कीमतों में अवश्य ही वृद्धि होती है।
मंहगाई को रोकने के उपाय
जहां एक ओर मंहगाई को रोकने के लिए सर्वप्रथम देश की जनसंख्या पर नियंत्रण रखना जरूरी है। (Dearness Story) तो वहीं महंगाई को रोकने के लिए देश में उद्योग और कृषि दोनों में ही उत्पादन को शीघ्रता से बढ़ाना होगा। तभी मंहगाई से आम आदमी को राहत मिल पाएगी। और तो और माल की ढुलाई में भी तेजी लानी होगी, ताकि आवश्यक वस्तुओं की कमी के चलते बाज़ार में उनके दाम ना बढ़ने पाएं।
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