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Up Assembly Budget Session: 6 वर्ष में दोगुने से अधिक बढ़ा उत्तर प्रदेश का बजट: सीएम योगी

Up Assembly Budget Session: सरकार किस प्रकार की होनी चाहिए? समस्याओं से मुंह मोड़ने वाली या चुनौती के रूप में स्वीकार करने वाली और भ्रष्टाचार और अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करने वाली। नेता विरोधी दल जब बोल रहे थे तो यूपी को पिछले पायदान पर ढकेलने पर उन्हें प्रसन्नता हो रही थी। 2017 से पहले यूपी क्यों पीछे जा रहा था। सभी जानते हैं। समस्या के दो समाधान होते हैं। भाग लो या फिर भाग लो…। या तो समस्याओं को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए उसका समाधान करो जैसा 6 वर्ष में हमारी सरकार ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया गया है, या जैसे नेता प्रतिपक्ष की सीट खाली है ‘भाग लो’ उस तरह।

बुधवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए सीएम योगी (yogi adityanath) कुछ इसी तरह नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (akhilesh yadav) पर प्रहार करते नजर आए। उन्होंने बजट पर चर्चा में हिस्सा लेने वाले सभी 134 सदस्यों का आभार जताया तो अखिलेश यादव (akhilesh yadav) के सवालों और आरोपों पर तथ्यों के साथ जवाब भी दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में जो 34.09 लाख करोड़ के प्रस्ताव आए हैं वो जनविश्वास और सरकार की क्रेडिबिलिटी का प्रतीक हैं।

34 लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव आए हैं

सीएम योगी (yogi adityanath) ने सरकार की जिम्मेदारियों के बारे में बात करते हुए कहा कि इतने बड़े प्रदेश के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हम सब 25 करोड़ जनता के प्रतिनिधि के रूप में यहां बैठे हैं। नेता प्रतिपक्ष कह रहे थे कि आप दावोस गए होते तो 50 लाख करोड़ का प्रस्ताव आता। यानी उन्हें विश्वास है कि प्रस्ताव आए हैं। ये जो 34.09 लाख करोड़ के प्रस्ताव आए हैं। ये जनविश्वास और सरकार की क्रेडिबिलिटी का ही प्रतीक है। यह 2017 से पहले क्यों नहीं आता था। प्रदेश की जनता और दुनिया 2013 के वाकये को नहीं भूली होगी, जब कुंभ पर प्रजेंटेशन के लिए हावर्ड गए थे और चचाजान को तलाशी से गुजरना पड़ा। प्रदेश को हमने कहां पहुंचा दिया था। किसी एक फील्ड में यूपी को आगे बढ़ाने का प्रयास किया होता तो परिणाम अलग होते।

130 में 110 संकल्पों के लिए की बजट की व्यवस्था

सीएम योगी ने 2022-23 के बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस बजट में अगर आप देखेंगे तो हमने जनता से जो वायदे किए थे उन सबको इसमें समाहित किया है। 2022 के चुनावों में पार्टी ने लोक कल्याण संकल्प पत्र को जारी करते हुए 130 संकल्प का वादा किया था। 130 मे से 110 संकल्पों के लिए बजट की व्यवस्था की गई है। 64,700 करोड़ की राशि की इसके लिए व्यवस्था की गई है। गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं के लिए इस धनराशि की व्यवस्था की गई है।

हम संकल्प लेते हैं और उन्हें पूरा करते हैं

उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पहले आप घोषणापत्र जारी करते थे। घोषणाएं बड़ी-बड़ी होती थी, होता कुछ नहीं था। 2016 में रियो दि जेनेरियो ओलंपिक के खिलाड़ियों, बैडमिंटन से पीवी सिंधु, कुश्ती में साक्षी मलिक और जिम्नास्टिक में दीपा कर्माकर को एक-एक करोड़ देने की घोषणा की थी। 6 महीने में कुछ नहीं किया, फिर जनता ने कुछ करने लायक ही नहीं छोड़ा। जब हमें जानकारी मिली तब 26 जनवरी 2018 को प्रदेश सरकार की ओर से हमने राशि प्रदान की। आप घोषणा के अलावा करते क्या थे, हम लोग संकल्प करते हैं और उसी आधार पर कार्य करते हैं।

वित्तीय प्रबंधन ये है कि दोगुने से ज्यादा का ला रहे रेवेन्यू

वित्तीय प्रबंधन को लेकर सीएम योगी ने कहा कि हमारे संकल्प पत्र को नेता विरोधी दल पढ़ रहे थे। वित्तीय प्रबंधन कैसे होना चाहिए। किस रूप में कर चोरी होती थी। कैसे प्रदेश के विकास को बाधित करते थे। कैग की रिपोर्ट और विभिन्न जाचों में रिपोर्ट मिलेगी। यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी (यीडा) 2016 तक 642 करोड़ लॉस और उसके बाद रिकॉर्ड प्रॉफिट तक गया। कहते थे नोएडा जो जाएगा वो दुबारा नहीं आएगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि अब तो पक्का नहीं आएंगे, मैंने कहा था कि डंके की चोट पर आउंगा।

सरकार कैसे कार्य कर रही है और कैसे आप कर रहे थे। पहले राजस्व 86 हजार करोड़ का आता था। इस बार 31 मार्च तक कुल रेवेन्यू 2 लाख 30 हजार करोड़ का लाने जा रहे हैं। ये दोगुने से ज्यादा है। जीएसटी 49-51 हजार करोड़ 2016 में आता था, अब 1 लाख 24 हजार करोड पार करने जा रहा है। एक्साइज में इन्होंने माफिया को हावी कर दिया था। स्टेट एक्साइज से प्रदेश को 12 हजार करोड़ से कुछ ज्यादा पैसा मिला था, इस बार 45 हजार करोड़ आने जा रहा है। ये पैसा किसके पास जा रहा था। ऐसे ही कोई इंग्लैंड में होटल और ऑस्ट्रेलिया में टापू थोड़े न खरीदा जा रहा है।

6 वर्ष में दोगुने से अधिक बढ़ा यूपी का बजट

बजट की प्रशंसा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पिछले 6 वर्ष के अंदर यूपी के बजट का आकार दुगुने से अधिक बढ़ा है। 2016-17 में जो बजट 3.40 हजार करोड़ था वो इस बार दोगुने से अधिक यानी 6.90 हजार करोड़ से अधिक का रहा। ये यूपी की अर्थव्यवस्था के विस्तार को प्रस्तुत करता है। यह जीडीपी में विकास की प्रगति को, पर कैपिटा इनकम में वृद्धि को प्रस्तुत करता है। यूपी की ये यात्रा जनविश्वास पर आधारित है। यहां हर एक तबके की जवाबदेही है, कोई इससे भाग नहीं सकता। सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है।

इसे भी पढ़े: जातीय जनगणना और प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर, सीएम योगी का विपक्ष को दो टूक जवाब

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