Sunday, October 1, 2023

Gonda News: मीड डे मील की शिकायत करने पर किया जा रहा प्रताड़ित, शिकायतकर्ताओं पर भड़ास निकाल रही सुमन कौशल

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रिपोर्ट: सूरज सिंह 
Gonda News:  जनपद के विकास खंड वजीगंज अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय मझारा प्रथम में मिड डे मील व अन्य योजनाओं में विद्यालय की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका सुमन कौशल के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने मई 2022 में विरोध प्रदर्शन करते हुए खंड शिक्षाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की थी उक्त शिकायत पर प्रधानाध्यापिका के खिलाफ जांच हुई जिसमें उनपर लगे आरोप सही पाए गए लेकिन उन पर अभी तक न जाने क्यो कोई कार्यवाही नही हुई जिससे जहां एक तरफ लोगो में सरकार की छवि धूमिल हो रही है वही दूसरी तरफ जांच अधिकारी की मंशा पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहे है यही नही स्कूल के शिक्षको का कहना है कि जांच में सच का साथ देने पर प्रधानाध्यापिक सुमन कौशल की तरफ से उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।

बताते चलें कि खंड शिक्षाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे गए शिकायती पत्र में इंचार्ज प्रधानाध्यापिका पर ग्रामीणों ने निम्न आरोप लगाए गए थे की उनके द्वारा विगत 3 वर्षो में कभी भी मीनू के अनुसार भोजन नही बनाया जाता है तथा उपस्थिति पंजिका में बच्चों की संख्या कम होने के बावजूद बच्चों की उपस्थिति अधिक प्रधानाध्यापक द्वारा दिखाई जाती है व एमडीएम पंजिका पर बढ़ाकर दर्शाई जाती है। विद्यालय में विगत 3 वर्षों में कभी भी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई है, किंतु अभिलेखों पर महीने के प्रथम बुधवार को एजेंडा दिखाकर इनके द्वारा सभी सदस्यों का फर्जी हस्ताक्षर किया जाता है। विद्यालय के मद में आए हुए कंपोजिट ग्रांट को विद्यालय के लिए खर्च नहीं किया जाता है।

तथा कोविड-19 के दौरान 87,94 124 दिवस के खाद्यान्न वितरण को इनके द्वारा हड़प लिया गया है, बच्चों को किसी भी दिवस के दौरान खाद्यान्न का वितरण नहीं हुआ है विद्यालय में किसी भी शिक्षक शिक्षिका द्वारा बच्चों की उपस्थिति दर्ज नहीं की जाती है, इंचार्ज प्रधानाध्यापक सुमन कौशल पांचों कक्षाओं की उपस्थिति स्वयं मनमाने तरीके से संख्या बढ़ाकर दर्ज करती है और वही संख्या एमडीएम पंजिका पर भी दर्ज करती है इनके ऊपर आज तक कार्यवाही न होने से इनकी हिम्मत बढ़ी है, इन्होंने समस्त स्टाफ को परेशान कर रखा, समय से विद्यालय नहीं पहुंचती है तथा विद्यालय में कहीं पर भी मनमाने तरीके से अपनी संपत्ति समझते हुए ताला लगा कर रखती है इन्होंने सरकार द्वारा बनाए गए सभी नियम कानूनों को ताक पर रख दिया है और पूरे विद्यालय को अपनी संपत्ति समझते हुए अपने हिसाब से मनमाने तरीके से विद्यालय को चलाती आई है, जिसके चलते विद्यालय के बच्चों का शोषण हो रहा है, तथा अध्यापकों द्वारा आवाज उठाने पर इनके द्वारा अध्यापकों के साथ गलत व्यवहार किया जाता है।

इससे पहले भी इंचार्ज प्रधानाध्यापिका सुमन कौशल के खिलाफ शिकायत हुई थी। लेकिन सिर्फ जांच कार्यवाही नही हुई वही इस बार भी जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद प्रधानाध्यापिका सुमन कौशल पर कारवाही ना होना दर्शाता है कि कही ना कही कुछ तो गड़बड़ है।  आखिर क्यो नही हो रही है कार्यवाही क्या है राज।

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