UP News: योगी जी, सुशान के नाम पर कलंक हैं ये घटनाएं
UP News: चुस्त शासन और सख्त प्रशासन के दावों के बीच दूसरी बार उत्तर प्रदेश की कमान संभालने वाली योगी सरकार क्राइम कंट्रोल में फेल साबित हुई है। ये हम नहीं बल्कि योगी सरकार में हुई घटनाएं बता रही है। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की पुलिस का खुली छूट दे रखी है। बावजूद इसके आपराधिक घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। बेहतर सुशासन की दंभ भरने वाली योगी सरकार के राज हुई घटनाएं कलंक साबित हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में जिस तरह उत्तर प्रदेश में अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है, ऐसा किसी और की सरकार में नहीं हुआ है। बुधवार को लखनऊ की एक कोर्ट में मुख्तार अंसारी गैंग के अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।
योगी आदित्यनाथ की सरकार में यह कोई इकलौती घटना नहीं है, जो सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है। योगी राज में जेल के अंदर मुख्तार अंसारी के करीब मुन्ना बजरंगी की हत्या उनके पहले कार्यकाल में हुई थी। 9 जुलाई, 2018 को बागपत जिला जेल में मुख्तार अंसारी के करीबी मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बागपत जेल में बंद गैंगस्टर सुनील राठी पर मुन्ना बजरंगी की हत्या करने का आरोप लगा था। बागपत जेल के अंदर पिस्तौल और हत्या की घटना ने जेल के अंदर कैदियों की सुरक्षा के दावों को तार-तार कर दिया था।
इसी तरह गत 15 अप्रैल को प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से उत्तर प्रदेश पुलिस की जमकर किरकिरी हुई। वहीं 7 जून, 2023 को मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी माने जाने वाले संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की कोर्ट के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी। संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा मुख्तार अंसारी के साथ मिलकर कई जघन्य अपराधों को अंजाम दिया था। कृष्णानंद राय हत्याकांड में वह मुख्तार अंसारी के साथ मुख्य आरोपी भी था। वहीं गेस्ट हाउस कांड में बसपा सुप्रीमो मायावती को बचाने वाले ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या भी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा ने ही की थी। हालांकि संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को गोली मारे जाने की घटना के वक्त जज कोर्ट में मौजूद नहीं थे। बावजूद इसके उसे पांच गोलियां मारी गईं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं घटना में एक लड़की व सिपाही घायल हो गये हैं, जिनका लखनऊ ट्रामा में इलाज चल रहा है। घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को गोली मारने वाले आरोपी को पकड़ लिया गया है। आरोपी का नाम विजय यादव है, जो उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के केराकत गांव का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि घटना में प्रयुक्त हथियार अभी नहीं बरामद हो पाया है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय बैठक कर जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। इसमें ADG टेक्निकल मोहित अग्रवाल, नीलब्ज़ा चौधरी और आईजी अयोध्या प्रवीण कुमार शामिल हैं। एसआईटी के एक सप्ताह में जाँच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
फिलहाल जांच से संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा न तो जिंदा हो जाएगा और न ही सरकार का रसूख वापस मिल पाएगा। सरकार जनसमस्याओं को लेकर वास्तव में अगर गंभीर है, तो मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करने का साहस दिखाना होगा। क्योंकि सरकारी कार्यालय में फरियादियों का किस तरह उत्पीड़न हो रहा है, वह मुख्यमंत्री जनता दर्शन में आने वाली भीड़ को देखकर समझा जा सकता है। वहीं पुलिस अपराधियों पर कार्रवाई करने की जगह आपराधिक मामलों को दर्ज न करके क्राइम कंट्रोल कर रही है। पुलिस में पीड़ितों को शिकायत दर्ज कराने के लिए लोहा लेना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के जालौन में दुष्कर्म पीड़िता को इंसाफ न दिला पाने से आहत पिता ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली। ऐसा में प्रदेश की जनता अब कहने लगी है कि योगी जी यह सुशासन नहीं कलंक है। इससे अच्छा तो अपराधियों को संरक्षण देने वाली सरकारें थीं, जहां नेताओं के दबाव-प्रभाव में सुनवाई हो जाती थी।